हरियाणा के 700 स्कूलों में नहीं है गर्ल्स टॉयलेट, रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा
Haryana School Lack of Toilets and Teachers: हरियाणा से एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। राज्य के 23,517 स्कूलों में से 767 स्कूलों में महिला शौचालयों का अभाव है। वहीं 1,263 स्कूलों में पुरुष शौचालय नहीं हैं। डेटा की मानें तो हरियाणा के 22,918 स्कूलों में गर्ल्स टॉयलेट मौजूद है। इनमें से 22,750 गर्ल्स टॉयलेट फंक्शनल हैं।
नई रिपोर्ट में खुलासा
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के UDISE प्लस के द्वारा रिलीज की गई इस रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में 23 हजार से ज्यादा स्कूल हैं, लेकिन 22,421 स्कूलों में ही पुरुष शौचालय मौजूद हैं और इनमें से 22,254 शौचालय फंक्शनल हैं। बता दें कि शौचालय का अभाव होने के बावजूद नेशनल ऐवरेज की तुलना में हरियाणा की स्थिति काफी बेहतर है।
यह भी पढ़ें- ‘HMPV Virus से निपटने के लिए भारत तैयार’, चीन की इस नई बीमारी पर स्वास्थ्य मंत्रालय का आया बयान
क्या कहते हैं आंकड़ें?
रिपोर्ट के अनुसार देश के 7.14% स्कूलों में गर्ल्स टॉयलेट नहीं है। इससे देश के 1 लाख से ज्यादा स्कूल प्रभावित हैं। हरियाणा की बात करें तो 146 स्कूलों में आज भी बिजली नहीं आती है। राज्य के 7,591 (33%) स्कूलों में इंटरनेट सुविधा उपलब्ध नहीं है। राज्य के 22,721 (97%) स्कूलों में कम्प्यूटर मौजूद है। वहीं राष्ट्रीय आंकड़ों की बात करें तो देश 53% स्कूलों में इंटरनेट 57% स्कूलों में कम्प्यूटर की सुविधा मौजूद है।
81 स्कूलों में बच्चे नहीं
UDISE की रिपोर्ट की मानें तो हरियाणा के 81 स्कूलों में बच्चे ही नहीं हैं, इसके बावजूद इन स्कूलों को 178 टीचर्स असाइन किए गए हैं। राज्य के 867 स्कूलों में सिंगल टीचर है। राज्य के सभी 23 हजार से ज्यादा स्कूलों में 250,909 टीचर्स 56 लाख बच्चों को पढ़ाते हैं।
कुमारी सैलजा ने साधा निशाना
हरियाणा के स्कूलों से जुड़ी इस रिपोर्ट पर सियासी पारा भी चढ़ने लगा है। कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने हरियाणा सरकार की आलोचना की है। उनका कहना है कि 81 स्कूलों में बच्चे नहीं है। इससे पता चलता है कि माता-पिता अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजने से डरते है। कुमारी सैलजा का कहना है कि सरकार को स्कूलों में बेसिक सुविधा उपलब्ध करवाना चाहिए। सभी स्कूलों में गर्ल्स टॉयलेट और पर्याप्त टीचर्स होना बेहद जरूरी है। हरियाणा की इस खराब स्थिति को सुधारने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।
यह भी पढ़ें- मिनटों में तय होगा घंटों का सफर! 2025 में मिलेगी 3 बड़े एक्सप्रेसवे की सौगात