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सिरसा में जगमालवाली डेरा मुखी के निधन पर गद्दी को लेकर विवाद, इंटरनेट बंद, भारी पुलिस तैनात

Jagmalwali Dera Throne Dispute: हरियाणा के सिरसा में जगमालवाली डेरे के प्रमुख के निधन के बाद उनकी वसीयत को लेकर विवाद हो गया है। आज गद्दी को लेकर पगड़ी की रस्म होनी है ऐसे में विवाद से बचने के लिए प्रशासन ने इंटरनेट सस्पेंड कर दिया है।
11:21 AM Aug 08, 2024 IST | Rakesh Choudhary
सिरसा में जगमालवाली डेरा मुखी के निधन पर गद्दी को लेकर विवाद  इंटरनेट बंद  भारी पुलिस तैनात
आश्रम के बाहर भारी पुलिस बल तैनात

Jagmalwali Dera Sirsa Dispute: हरियाणा के सिरसा के कालांवली में जगमालवाली डेरा मुखी के निधन के बाद गद्दी को लेकर विवाद सामने आया है। इसके बाद प्रशासन ने बुधवार शाम 5 बजे से लेकर गुरुवार रात 12 बजे तक इंटरनेट बंद कर दिया है। बता दें कि कुछ दिन पहले ही डेरा जगमालवाली के डेरा प्रमुख महाराज बहादुर चंद वकील का निधन हुआ था। इसके बाद गद्दी को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया था।

सिरसा में आज डेरा प्रमुख की पगड़ी की रस्म होने जा रही है। ऐसे में बड़े स्तर पुलिस की तैनाती की गई है। मामले में हरियाणा के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अनुराग रस्तोगी ने कहा कि सिरसा के डीसी को पत्र लिखकर इंटरनेट बंद करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिले में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है। डेरा जगमालवाली के संत वकील साहब का 1 अगस्त को निधन हो गया था। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को डेरा स्थल पर लाया गया। तब से ही गद्दी को लेकर विवाद हो गया। इस दौरान दोनों पक्षों मे फायरिंग भी हो गई।

इन दो पक्षों में विवाद

डेरा प्रमुख महाराज के निधन के बाद डेरे के मुख्य सेवक सूफी गायक महात्मा बीरेंद्र सिंह गद्दी पर वसीयत के आधार पर अपना दावा ठोक रहे हैं। वहींए डेरामुखी के गांव के पड़ोसी अमर सिंह वसीयत और उनकी मौत को संदिग्ध मान रहे हैं। यह दोनों पक्ष आमने-सामने हैं।

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वसीयत के अनुसार महात्मा बीरेंद्र असली उत्तराधिकारी

दूसरे पक्ष में महात्मा बीरेंद्र सिंह से जुड़े शमशेर सिंह लहरी ने कहा कि डेरा प्रमुख ने बिना किसी के दबाव में डेरे की वसीयत डेढ़ साल पहले ही महात्मा बीरेंद्र सिंह सिंह के नाम की थी। वसीयत के अनुसार महात्मा बीरेंद्र ही डेरे के उत्तराधिकारी हैं। हालांकि, पहला पक्ष इन्हें उत्तराधिकारी मानने को तैयार नहीं है। वरिंदर महात्मा ने कल प्रेस कांफ्रेंस करके पूरे विवाद पर कहीं ना कहीं विराम लगाते नजर आए। उन्होंने कहा कि वह डेरे की गद्दी पर तब तक नहीं बैठेंगे जब तक पूरी जांच नहीं हो जाती। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि डेरे के साथ-साथ संगत को भी मेरे पर विश्वास होना चाहिए। वरिंदर महात्मा ने कहा कि उनके ऊपर लगे सभी आरोप निराधार है।

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