कोरोना के बाद देश में एक और जानलेवा बीमारी की दस्तक! पहला निशाना बने ओडिशा के तीन लोग
3 People Infected With Anthrax In Odisha : कोरोना के बाद देश में एक और बीमारी ने दस्तक दे दी है। इस बीमारी का पहला निशाना ओडिशा के 3 लोग बने हैं। ये तीनों लोग ओडिशा के कोरापुट जिले के रहने वाले हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर अलर्ट जारी किया है लोगों को सचेत रहने को कहा है। जो तीन लोग संक्रमित पाए गए हैं, उन्हें इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि ये मृत गाय के संपर्क में आए थे जो एंथ्रेक्स से संक्रमित थी। स्वास्थ्य अधिकारी के मुताबिक ये तीनाें लोग एंथ्रेक्स नामक बीमारी से संक्रमित पाए गए हैं। यह बीमारी बैसिलस एंथ्रेसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होती है।
कंट्रोल में स्थिति
कोरापुट के अतिरिक्त जिला चिकित्सा अधिकारी (रोग नियंत्रण) सत्य साई स्वरूप के मुताबिक स्थिति अब नियंत्रण में है और कोई नया मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को एंथ्रेक्स बीमारी से बचाव के उपायों के बारे में जागरूक करने के प्रयास किए गए हैं। साथ ही उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में सूचना, शिक्षा और संचार पहल शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि इस मामले में बारीकी से नजर रखी जा रही है और अगले कुछ दिनों तक स्थिति का आकलन करने के लिए गांव और उसके आसपास के क्षेत्रों में पर्याप्त स्वास्थ्य अधिकारियों को तैनात किया गया है।
क्या है यह एंथ्रेक्स बीमारी
यह बीमारी पहले भी कई जगह हो चुकी है। यह बीमार बैक्टीरिया से फैलती है जो मिट्टी में पाया जाता है। मिट्टी में मिले होने से यह बैक्टीरिया पालतू जानवरों में आसानी से पहुंच जाता है। जानवरों के संपर्क में आने से या उनके दूध आदि का प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से यह इंसानों के शरीर में प्रवेश कर जाता है। यह सांस लेने, दूषित खाना, दूषित पानी पीने पर या फिर स्किन जख्मी पर वहां से भी शरीर में पहुंच सकता है। यह बीमारी इतनी खतरनाक है कि इससे मौत भी हो सकती है।
ये हैं इसके लक्षण
- स्किन पर छाले होना।
- तेज बुखार आना।
- कंपकंपी छूटना।
- सीने में दिक्कत या सांस लेने में परेशानी होना
- उल्टियां होना।
- पेट, सिर, शरीर में दर्द होना।
- दिन भर थकान महसूस होना।
यह है इलाज
किसी भी प्रकार के लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। चूंकि यह बैक्टीरिया शरीर में पहुंचकर ज्यादा मात्रा में जहरीले पदार्थ निकालता है, इसलिए इसे रोकने के लिए एंटीटॉक्सिन दवाएं दी जाती हैं। इससे बचने के लिए वैक्सीन भी लगवा सकते हैं।