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Air Pollution से कितना बढ़ रहा है हार्ट अटैक का खतरा? ऐसे करें खुद का बचाव

Air Pollution: प्रदूषण के कण इतने हानिकारक हैं कि इससे आपको हार्ट अटैक, स्ट्रोक या दिल की धड़कनों की स्पीड बढ़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आइए आपको बताते हैं पीएम2.5 के संपर्क में आने से हमारे हृदय का कितना जोखिम बढ़ रहा है।
02:42 PM Nov 19, 2024 IST | Namrata Mohanty
air pollution से कितना बढ़ रहा है हार्ट अटैक का खतरा   ऐसे करें खुद का बचाव

Air Pollution: इन दिनों देश के अधिकतर, खासतौर पर उत्तरी राज्यों में पॉल्यूशन का स्तर हद से ज्यादा खतरनाक हो रहा है, जो कि हमारी सेहत को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। पीएम2.5 के अधिक संपर्क में आने से हार्ट की बीमारियों का रिस्क बढ़ जाता है। पीएम2.5 पॉल्यूशन के छोटे कण होते हैं, जो सांस नली के रास्ते शरीर के अंदर प्रवेश करते हैं। पिछले कुछ सालों में पॉल्यूशन के कारण हार्ट अटैक के मामलों में भी वृद्धि देखी गई है। इसका कारण यह है कि हवा के कण नसों में जमकर दिल की धड़कनों को अनियमित करते हैं।

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क्या है पीएम2.5?

पीएम2.5 प्रदूषित हवा के छोटे कण या बूंदें हैं, जो इतने छोटे होते हैं कि उन्हें देखना संभव नहीं है। ये कण हमारे फेफड़ों तक आसानी से पहुंच जाते हैं। ये कण गाड़ियों, फैक्ट्रियों और केमिकल समेत कंस्ट्रक्शन एरिया से आने वाले प्रदूषण का परिणाम हैं। यह जंगलों व पराली की आग से फैले धुएं से भी बढ़ता है। इससे बचाव के लिए मास्क पहनने की सलाह दी जाती है।

हार्ट अटैक के खतरे क्यों बढ़ रहे हैं?

1. पीएम2.5 से PM10- ये छोटे कण सांस के जरिए खून में घुलकर दिल की धमनियों में सूजन और ब्लॉकेज पैदा करते हैं, जिससे हृदय रोग की संभावनाएं तेज होती हैं।

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2. ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस- प्रदूषक तत्व शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को बढ़ाते हैं, जो दिल की कार्यक्षमता को प्रभावित करते हैं।

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3. हाई बीपी- एयर पॉल्यूशन ब्लड प्रेशर को भी बढ़ाता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा और अधिक हो जाता है।

Cardiac Arrest VS Heart Attack

फोटो क्रेडिट- Meta AI

रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, हावर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च बताती है कि PM2.5 के तीन साल से ज्यादा अगर कोई संपर्क में रहता है, तो उसे सभी हृदय संबंधी बीमारियों, विशेष रूप से इस्केमिक हार्ट डिजीज, सेरेब्रोवास्कुलर डिजीज, हार्ट फेलियर और एरिथमिया के जोखिम बढ़ते हैं। यहीं नहीं, रिसर्च कहती है कि अधिक समय तक पीएम2.5 के संपर्क में रहने से शरीर के अंदर LDL की मात्रा भी बढ़ सकती है। LDL यानी गंदा कोलेस्ट्रॉल, जो हृदय रोगों के रिस्क को बढ़ाता है।

कैसे हुई पुष्टि?

दरअसल, रिसर्च टीम ने चूहों को लंबे समय तक PM2.5 के संपर्क में रखा था। जिसके बाद उन्होंने देखा कि चूहों को कार्डियो से संबंधित समस्या हो रही है और उनके खून का फ्लो भी अन्य अंगों तक सही ढंग से नहीं हो पा रहा था।

PM10 कितना घातक?

पीएम10, अत्यधिक खतरनाक और जानलेवा होता है। अगर आप इसके संपर्क में आते हैं, तो निश्चित ही हार्ट अटैक आने का जोखिम रहता है। हवा का यह स्तर कैंसर का भी कारण बन सकता है। इससे शरीर के अंदर ब्लड क्लॉटिंग हो सकती है, दिल की नसें जम सकती हैं। PM10 कई बार शरीर में बड़े आकार के खून के थक्कों का प्रोडक्शन भी कर सकता है, जिससे किसी भी समय हार्ट अटैक आ सकता है।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

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