मिल गया अल्जाइमर और पर्किंसंस का इलाज! बिल्ली की पॉटी में छिपा है राज
Cat Poop to Treat Alzheimer and Parkinson: अल्जाइमर और पर्किंसंस अक्सर लोगों को अपनी चपेट में ले लेती है। खासकर 40 साल से ज्यादा के लोग आसानी से इन बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। कई कोशिशों के बावजूद डॉक्टर्स इन बीमारियों का सटीक इलाज नहीं ढूंढ सके हैं। मगर अब इस पर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। आपको जानकर हैरानी होगी कि बिल्ली के मल में इसका इलाज छिपा है।
बिल्ली की पॉटी से होगा इलाज
वैज्ञानिकों के अनुसार बिल्ली के मल में टोक्सोप्लाज्मा गोंडी नामक पदार्थ पाया जाता है। इसका इस्तेमाल अल्जाइमर और पर्किंसंस के इलाज में किया जा सकता है। टोक्सोप्लाज्मा गोंडी एक तरह का प्रोटीन है, जो दिमाग में जाकर डोपामाइन का स्तर बढ़ा सकता है, इससे अल्जाइमर और पर्किंसंस से आसानी से पीछा छुड़ाया जा सकता है। वैज्ञानिक चूहों पर शोध करने के बाद इसकी पुष्टि कर सकते हैं।
कैसे करेगा काम?
बता दें कि पहले भी कई बार अल्जाइमर और पर्किंसंस का इलाज ढूंढने की कोशिश की गई हैं। मगर दिमाग के ब्लॉक न्यूरॉन्स तक ट्रीटमेंट पहुंचाना मुमकिन नहीं हो पाया है। इजराइल के तेल अवीव विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ओडेड रेचावी के अनुसार वैज्ञानिकों ने पहली बार ऐसे पदार्थ का आविष्कार किया है जो हमारे दिमाग को नियंत्रित करेंगे। मुझे लगता है कि नई चीजों का आविष्कार करने की बजाए हमें पहले से उपलब्ध चीजों पर ध्यान देना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं के लिए नुकसानदायक
वैज्ञानिकों के अनुसार टोक्सोप्लाज्मा गोंडी नामक पदार्थ का इस्तेमाल अल्जाइमर और पर्किंसंस की दवाईयों में किया जा सकता है। ये तत्व पाचन तंत्र से दिमाग में जाकर न्यूरॉन्स को प्रोटीन देगा। हालांकि गर्भवती महिलाओं के लिए इसका सेवन नुकानदायक हो सकता है। बता दें कि अल्जाइमर, पर्किंसंस और रेट सिंड्रोम जैसी बीमारियां किसी ना किसी तरह प्रोटीन की कमी से जुड़ी होती हैं। हालांकि ऐसा क्यों होता है? इसका जवाब अभी भी वैज्ञानिकों को नहीं मिल सका है।
क्या है अल्जाइमर और पर्किंसंस?
अल्जाइमर और पर्किंसंस दिमाग से जुड़ी बीमारियां होती हैं। अल्जाइमर में याददाश्त धीरे-धीरे कम होने लगती है और पर्किंसंस में दिमाग धीमी गति से काम करता है। याददाश्त जाना, ठीक से बोल ना पाना और रोजमर्रा के कामों में दिक्कत आने जैसी चीजें अल्जाइमर के लक्षणों में गिनी जाती हैं। वहीं पर्किंसंस के लक्षणों की बात करें तो इसमें कंपकंपी होना, मांसपेशियों में जकड़न और दिमाग धीमी गति से काम करता है।
यह भी पढ़ें- धरना दे रहे छात्रों ने खोली दृष्टि IAS की पोल, MCD पर भी उठे सवाल