सस्ता पनीर खाने से शरीर को 3 नुकसान, बनाने की विधि जानते ही हो जाएगी नफरत
Analogue Paneer: पनीर भारतीय व्यंजनों में एक मुख्य सामग्री है, जो अपने नरम और हल्के स्वाद के लिए जाना जाता है। पारंपरिक पनीर दूध को नींबू के रस या सिरके जैसे एसिडिक एजेंट्स को दूध में मिलाकर बनाया जाता है, इसके बाद फटे दूध को छानकर और दबाकर पनीर का ब्लॉक बनाया जाता है। हालांकि, कुछ सालों से बाजार में एनालॉग पनीर काफी बिकने लगा है, जो असली पनीर का नकली सबऑर्डिनेट है, इसे अलग-अलग हानिकारक सामग्रियों से बनाया जाता है। इस पनीर को लेकर इन दिनों जोमैटो कंपनी पर भी निशाना साधा जा रहा है। एनालॉग पनीर सस्ता है लेकिन इससे सेहत को भारी नुकसान हो सकता है।
क्या है पूरा मामला?
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है जिसमें इस बात की पुष्टि की जा रही है कि जोमैटो हाइपरप्योर, जो कि एक बी2बी प्लेटफॉर्म है, इस प्लेटफॉर्म के जरिए होटल और रेस्टोरेंट को जरूरी खाने-पीने की चीजें प्रोवाइड करवाई जाती हैं। दरअसल, मामला ऐसा है कि जोमैटो के इस प्लेटफॉर्म पर नकली यानी कि Analogue पनीर बेचने का आरोप लगाया जा रहा है।
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एनालॉग पनीर क्या है?
एनालॉग पनीर पारंपरिक पनीर का एक विकल्प है जो डेयरी प्रोडक्ट्स के बिना तैयार किया जाता है। असली और शुद्ध पनीर पूरे दूध से बनाया जाता है, जो प्रोटीन, कैल्शियम और हेल्दी फैट्स का बढ़िया सोर्स है। इसके विपरीत, एनालॉग पनीर बनाने के लिए वनस्पति तेल, स्टार्च, दूध के ठोस पदार्थ और कभी-कभी एडिटिव्स शामिल होते हैं ताकि इसे असली पनीर जैसा ही स्वादिष्ट बनाया जा सके। इस पनीर में पोषण की मात्रा भी कम होती है।
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एनालॉग पनीर कैसे बनाया जाता है?
एनालॉग पनीर में उपयोग की जाने वाली सामग्रियां हैं वनस्पति तेल, जैसे- पाम ऑयल या सोयाबीन का तेल, स्टार्च, जैसे- आलू या कॉर्न। कुछ निर्माता बनावट को बढ़ाने के लिए सोया प्रोटीन का भी उपयोग करते हैं।
Analogue Paneer खाने के नुकसान
1. हाई ट्रांस फैट- कई एनालॉग पनीर हाइड्रोजनेटेड वनस्पति तेलों का उपयोग करके बनाए जाते हैं, जिनमें ट्रांस फैट होते हैं। ये फैट हृदय रोग, मोटापे और सूजन के जोखिम को बढ़ाते हैं। ट्रांस फैट का नियमित सेवन खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर (LDL) को बढ़ा सकता है जबकि अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को कम कर सकता है, जिससे हृदय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
2. लो न्यूट्रिशन- शुद्ध पनीर प्रोटीन, कैल्शियम और हेल्दी फैट्स से भरपूर होता है, जो मांसपेशियों और हड्डियों के लिए जरूरी होता है। वहीं, एनालॉग पनीर में अक्सर ये पोषक तत्व कम होते हैं। वनस्पति तेलों और स्टार्च के उपयोग से इसकी प्रोटीन वैल्यू और अन्य लाभकारी पोषक तत्व भी कम हो जाते हैं।
3. पाचन संबंधी समस्याएं- एनालॉग पनीर में इस्तेमाल किए जाने वाले इमल्सीफायर, स्टेबलाइजर और प्रिजर्वेटिव पाचन संबंधी परेशानियां पैदा कर सकते हैं, खासकर पेट की बीमारी से परेशान लोगों के लिए ये चीजें सूजन, गैस और कुछ मामलों में एलर्जी का कारण बन सकती हैं।
एनालॉग पनीर क्यों ज्यादा बिकता है?
इस तरह के पनीर को बनाना काफी आसान होता है। सबसे जरूरी बात यह है कि इस पनीर को ज्यादा क्वांटिटी में बनाना किफायती पड़ता है। वहीं, एनालॉग पनीर के दाम भी असली पनीर के मुकाबले कम होते हैं। इस कारण ही यह पनीर डिमांड में रहता है।
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