Covishield बनाने वाली कंपनी का बड़ा फैसला, न बनेगी न बाजार में बिकेगी
Covishield Vaccine: कोरोना महामारी से बचाव के लिए बड़े लेवल पर वैक्सीनेशन लगाने का काम हुआ, लेकिन वैक्सीन को लेकर काफी बवाल भी उठे हैं। इसी के चलते फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने यह एक्सेप्ट किया है कि कोविड-19 वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इसके कारण शरीर में खून के थक्के बन सकते हैं यानी टीटीएस की बीमारी हो सकती है। अब दिग्गज फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कोरोना वैक्सीन का प्रोडक्शन और आपूर्ति करना पूरी तरह से बंद कर दिया है।
मंगलवार को कंपनी ने कहा कि वह वैक्सीन को ग्लोबल स्केल पर वापस ले रही है। एस्ट्राजेनेका यूके समेत कई यूरोपीय देशों को Vaxzevria नाम से वैक्सीन बेचती है। भारत में यह वैक्सीन Covishield नाम से बिकती है। ऐसे में यह वैक्सीन सिर्फ यूरोपीय देशों से ही वापस ली जाएगी। दरअसल, कुछ दिन पहले कोरोना वैक्सीन के गंभीर साइड इफेक्ट्स सामने आए थे। इन आरोपों के चलते कंपनी अकेले यूके में 50 से ज्यादा मामलों का सामना कर रही है। हालांकि, फार्मा कंपनी का कहना है कि वैक्सीन को मार्केट से किसी और वजह से रिमूव जा रहा है।
एस्ट्राजेनेका के द्वारा बनाई वैक्सीन भारत में कोविशील्ड के नाम से लगाई गई थी, लेकिन इससे होने वाले साइड इफेक्ट के चलते अब कंपनी ने अदालती दस्तावेजों में स्वीकार किया था कि खून के थक्के जमने के अलावा और भी खतरनाक साइड इफेक्ट हो सकते हैं। मंगलवार को टेलीग्राफ ने कंपनी के हवाले से कहा कि अब वैक्सीन का निर्माण या आपूर्ति नहीं की जा रही है।
वैक्सीन पर उठे सवाल
कंपनी की तरफ से तर्क दिया गया है कि हमने यह डिसीजन ऐसे समय में लिया है, जब वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स सामने आए हैं। यह पूरी तरह से संयोग है, लेकिन वैक्सीन को बाजार से हटाने की वजह कुछ और है। हालांकि, वैसे कंपनी ने इस मामले पर ज्यादा कुछ बोलने से मना कर दिया। जानकारी के मुताबिक, कंपनी ने वैक्सीन को मार्केट से वापसी के लिए एप्लीकेशन बीते 5 मार्च को किया था, जो कि 7 मई को प्रभावी हुआ।
एस्ट्राजेनेका द्वारा बनाई गई कोरोना वैक्सीन से टीटीएस (थ्रोम्बोसिस थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम) के मामले सामने आए थे। एस्ट्राजेनेका द्वारा बनाई गई Vaxzevria Vaccine नामक वैक्सीन यूके समेत कई देशों में सप्लाई की गई थी और इसी वैक्सीन में पाए गए रेयर साइड इफेक्ट्स इस समय जांच के दायरे में हैं।
टीटीएस से पीड़ित को ब्लड क्लॉट और कम प्लेटलेट्स की शिकायत होती है। फरवरी में कोर्ट की कार्यवाही के दौरान कंपनी ने यह स्वीकार किया था कि वैक्सीन लगाने के बाद इसका चांस बहुत कम है कि वैक्सीन के कारण टीटीएस हो। टीटीएस की वजह से यूके में कम से कम 81 लोगों की मौत हो चुकी है और इसके चलते कंपनी मरने वालों के 50 से ज्यादा रिश्तेदारों द्वारा दायर मुकदमे का सामना कर रही है।
कंपनी ने इस मामले पर क्या कहा
टेलीग्राफ के हवाले से एस्ट्राजेनेका ने कहा कि वैश्विक महामारी को खत्म करने में Vaxzevria पर हमें अविश्वसनीय रूप से गर्व है। एक अनुमान के मुताबिक, इसके अकेले इस्तेमाल करने से पहले साल में 6.5 मिलियन से ज्यादा लोगों की जान बचाई गई और विश्व स्तर पर इसकी 3 बिलियन से ज्यादा खुराक की आपूर्ति की गई है। हमारे प्रयासों को दुनिया भर की सरकारों ने मान्यता दी है और व्यापक रूप से ग्लोबल पैंडेमिक को खत्म करने में हमने एक अभूतपूर्व योगदान दिया है।
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