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कोरोना की तरह कहर बरपा सकता है Bird Flu? जानें क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स

Can Bird Flu Be Dangerous Like Covid 19 : दुनिया के कई देशों में इस समय बर्ड फ्लू का कोहराम मचा हुआ है। कहीं पोल्ट्री फार्म में लॉकडाउन लग गया है तो कहीं यह जानवरों में भी पहुंच गया है। साथ ही यह इंसानों में भी तेजी से पहुंच रहा है। भारत समेत दुनिया के कई देशों में इंसान में यह वायरस पाया गया है। एक्सपर्ट बता रहे हैं कि क्या यह वायरस कोरोना जितना खतरनाक हो सकता है?
12:29 PM Jun 12, 2024 IST | Rajesh Bharti
कोरोना की तरह कहर बरपा सकता है bird flu  जानें क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स
Bird Flu

Can Bird Flu Be Like Covid 19 : बर्ड फ्लू में दुनिया में दहशत मचा रखी है। वहीं भारत में भी बर्ड फ्लू का दूसरा मामला सामने आया है। इसे लेकर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने अलर्ट जारी किया है। इस बार 4 साल का बच्चा इस वायरस से संक्रमित हुआ। इससे पहले दिसंबर 2019 में देश बर्ड फ्लू का पहला मामला सामने आया था। उस समय महाराष्ट्र में 17 महीने के बच्चे को बर्ड फ्लू हुआ था। यहां चिंता का विषय है कि क्या दुनिया में बर्ड फ्लू कोरोना वायरस की तरह कहर मचा सकता है? यह पहली बार नहीं है जब बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं। पहले भी भारत समेत दुनिया के कई देशों में यह कहर भरपा चुका है। हालांकि इसका असर इंसानों में कम और पक्षियों में ज्यादा देखने को मिला है। वहीं ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य में बर्ड फ्लू की वजह से सभी पोल्ट्री फार्म को बंद कर दिया गया है और वहां 5 लाख मुर्गियों को मार दिया गया है।

क्या है बर्ड फ्लू

बर्ड फ्लू एवियन इंफ्लुएंजा वायरस की वजह से होता है। यहां एवियन का मतलब है कि पक्षियों से होने वाला। यह वायरस पक्षियों में ज्यादा पाया जाता है। खासकर पोल्ट्री फार्म में पाली जाने वाली मुर्गियों में यह तेजी से फैलता है। जब भी कोई शख्स इस वायरस से संक्रमित पक्षी की चपेट में आता है, सांसों के जरिए यह इंसान के अंदर चला जाता है जिससे इंसान भी इस वायरस से संक्रमित हो जाता है। यही नहीं, अगर कोई शख्स संक्रमित पक्षियों का कच्चा या अधपका मांस खाता है तो भी वह शख्स इससे संक्रमित हो सकता है। यह वायरस चार तरह A, B, C और D का होता है। इसमें A और B टाइप का वायरस ही सबसे ज्यादा खतरनाक है और यही ज्यादा फैलता है। H5N1, H5N2, H7N9, H9N2 आदि इसके वेरिएंट हैं।

क्या खतरनाक है यह वायरस

सबसे बड़ी बात सामने आती है कि क्या यह वायरस इंसानों के लिए खतरनाक है? इस बारे में एक्सपर्ट का कहना है कि अभी तक की जो स्थिति हैं, उसे देखकर कुछ कहा नहीं जा सकता। इस वायरस में म्यूटेशन लगातार हो रहा है। ऐसे में कौन-सा वायरस कितना हानिकारक होगा, इसके बारे में कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगी। वैसे दुनिया में इंसानों में इसके बहुत ज्यादा मामले सामने नहीं आए हैं। साथ ही इस वायरस के कारण मरने वालों की संख्या भी काफी कम है।

वायरस 2016 में आया भारत

नई दिल्ली स्थिति इंडियन वायरोलॉजिकल सोसायटी के महासचिव डॉ. यशपाल सिंह मलिक बताते हैं कि इसकी शुरुआत 1918 में H1N1 वेरिएंट से हुई थी। तब से लेकर अब तक इसके कई वेरिएंट आ चुके हैं। इंसानों के अंदर शुरू में जो वेरिएंट आया, वह H5N1 है। डॉ. यशपाल ने बताया कि इंसानों में इसे पहली बार 1998 में हांगकांग में देखा गया था। भारत में इसकी एंट्री 2006 में महाराष्ट्र में हुई थी। उस समय इस वायरस ने देश की पोल्ट्री इंडस्ट्रीज को लगभग खत्म कर दिया था। विदेशों में भी इस वायरस का काफी कहर रहा। हालांकि बाद में हालात सुधरे और चीजें सामान्य हुईं लेकिन यह वायरस इंसानों में पहुंच गया।

जानवरों में भी पहुंचा वायरस

ऐसा नहीं है कि पक्षियों में होने वाला यह वायरस जानवरों में नहीं गया, इसने माइग्रेट होकर हर चीज को अपनी चपेट में लिया। डॉ. यशपाल के मुताबिक यह वायरस म्यूटेट होकर जानवरों में भी चला गया। कुछ एक्सपर्ट के मुताबिक इंसानों में जाने से यह इंसानों में भी पहुंच सकता है। कुछ समय पहले एक मामला अमेरिका में सामने आया था। यहां एक डेयरी फार्म के दूध में बर्ड फ्लू वायरस मिला था। डॉ. यशपाल ने बताया कि जब यह वायरस इंसानों में पहुंचा तो म्यूटेट होकर कोशिकाओं से मिल गया।

अपने लिए माहौल बना देता है वायरस

दिल्ली स्थिति सर गंगाराम हॉस्पिटल में लिवर गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड पैनक्रिएटिक बिलियरी साइंसेज के चेयरमैन डॉ. अनिल अरोरा के मुताबिक यह वायरस अपने लिए अनूकूल माहौल पैदा कर लेता है। हालांकि यह इंसान के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक नहीं है। इससे संक्रमित हुए मरीज का अगर समय पर इलाज करा लिया जाए तो इस वायरस को खत्म किया जा सकता है।

शुरू में इलाज जरूरी

सीनियर फिजिशियन कंसल्टेंट डॉ. अंशुल अंशुल वार्ष्णेय के मुताबिक बर्ड फ्लू पक्षियों ने इंसानों में ट्रांसफर होता है। जब भी कोई शख्स इस वायरस की चपेट में आता है तो उसे शुरू में खांसी, जुकाम, हल्का बुखार, आंखें लाल आदि होते हैं। इसके बाद यह न्यूमोनिया में बदल जाता है। यह स्थिति काफी खतरनाक हो जाती है। इसके लक्षण स्वाइन फ्लू की तरह ही हैं। अंतर बस दोनों के वायरस में है। एंफ्लुएंजा वायरस जब इंसान में ट्रांसफर होता है तो यह कम खतरनाक से लेकर ज्यादा खतरनाक तक हो सकता है। हालांकि समय पर इलाज मिल जाए तो इससे बचा जा सकता है।

अब तक इतनी मौतें

WHO के मुताबिक दुनियाभर में बर्ड फ्लू की इतने इंसानों में अभी तक पुष्टि हुई है:

बर्ड फ्लू का वेरिएंटदुनिया में कुल केसमौतें
H5N1 (1 जनवरी 2023 से 21 दिसंबर 2023 तक)24800
H5N6 (31 जनवरी 2024 तक)9035
H3N8 (31 जनवरी 2024 तक)31
H7N4 (यह चीन में मिला है। 31 जनवरी 2024 तक)1
H7N9 (यह चीन में मिला है। 31 जनवरी 2024 तक)156800
H9N2 ( 31 जनवरी 2024 तक)942

Bird Flu

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कोराेना जितना खतरनाक नहीं

एक्सपर्ट इस वायरस को कोरोना जितना खतरनाक नहीं बताते। इनका कहना है कि अभी इस वायरस पर बहुत ज्यादा रिसर्च नहीं हुई हैं। ऐसे में यह कहना जल्दबाजी होगी कि यह कोरोना जितना खतरनाक है। लेकिन ऐसा नहीं है कि हम बेफिक्र हो जाएं। अगर घर में कोई पक्षी पालते हैं तो उसकी पूरी देखभाल करें और रेगुलर चेकअप कराएं। साथ ही पोल्ट्री फार्म में काम करने वाले शख्स को भी खास ध्यान रखना चाहिए और ग्लव्स व मास्क लगाकर काम करना चाहिए। अगर कोई पक्षी मरा हुए मिलते तो उसे दफना दें। ध्यान रखें कि उसे ग्लव्स पहनकर उठाएं।

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