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जरा संभलकर, रोजमर्रा की इन चीजों से कैंसर का खतरा! सामने आई चौंकाने वाली बात

Cancer Causing Chemicals In Daily Products: पूरे भारत में कैंसर की बीमारी को लेकर लोगों के मन में डर बैठा हुआ है। इस बीच क्या आप जानते हैं कि आपके घर में रोजाना इस्तेमाल होने वाली कई चीजों में खतरनाक केमिकल होते हैं जो कैंसर का कारण बन सकते हैं? घर में कोई भी प्रोडक्ट लाने से पहले चेक कर लें इन केमिकल के नाम।
02:06 PM May 02, 2024 IST | Prerna Joshi
जरा संभलकर  रोजमर्रा की इन चीजों से कैंसर का खतरा  सामने आई चौंकाने वाली बात
Cancer Causing Ingredients Used At Home

Cancer Causing Ingredients Used At Home: कैंसर का नाम सुनते ही लोगों के पैरों तले जमीन खिसक जाती है। उच्च मृत्यु दर के साथ यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें पीड़ित व्यक्ति जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा होता है। इस बीच भारत में इसके कई नए मामले देखे गए, ऐसा नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इंफॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च की 2024 की रिपोर्ट कह रही है। सब जानते हैं कि धूम्रपान और शराब का सेवन करने जैसी आदतों से कैंसर का खतरा फैलता है लेकिन क्या आपको पता है कि इनके अलावा कुछ और चीजें भी हैं जो कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है। जानें वह केमिकल जिनसे कैंसर हो सकता है और कुछ भी खरीदते समय इन्हें चेक करना चाहिए।

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आपको बता दें कि नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इंफॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च की 2024 की रिपोर्ट में कहा गया कि साल 2022 में भारत में 14 लाख नए कैंसर के केस सामने आये हैं जो कैंसर से पीड़ित 9 लोगों में से लगभग एक है।

पैराबेंस (Parabens)

पैराबेंस ऐसे केमिकल होते हैं जो कॉस्मेटिक में उनकी शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। इसका शैंपू, साबुन, शेविंग प्रोडक्ट्स और प्रोसेस्ड फूड्स में होना आम है। स्टडीज से पता चला कि पैराबेंस हार्मोन को बाधित कर सकते हैं, फर्टिलिटी को प्रभावित और जन्म देने के रिजल्ट को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा ये कुछ तरह के कैंसर खासकर ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ने के जोखिम को बढ़ाते हैं। इससे बचने के लिए 'पैराबेन-मुक्त' लेबल वाले प्रोडक्ट्स ढूंढें या उस प्रोडक्ट को बदलें जिसमें मिथाइल पैराबेन, एथिल पैराबेन और प्रोपाइल पैराबेन शामिल हों।

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एक्रिलामाइड  (Acrylamide)

ये केमिकल तलने और पकाने जैसे हाई-टेम्परेचर वाले कुकिंग प्रोसेस के दौरान पैदा होते हैं। स्टडीज से पता चला कि जानवरों में कैंसर का खतरा है और यह मनुष्यों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। धूम्रपान के बाद शरीर का वजन अब कैंसर की दूसरी बड़ी वजह हो सकती है।

कोल टार (Coal Tar)

कोल टार कोयला प्रोसेसिंग का एक बाई-प्रोडक्ट है जो कैंसर पैदा करता है। स्किन केयर, कॉस्मेटिक, हेयर डाई, शैंपू और बाकी कई चीजों में यह पाया जाता है। इसका रोजाना इस्तेमाल करने से फेफड़े, ब्लैडर, किडनी और पाचन तंत्र से जुड़ा कैंसर हो सकता है। आपको बता दें कि EPA, IARC और EPA जैसे संगठनों ने इसे ह्यूमन कार्सिनोजेन (Human Carcinogen) का लेबल दिया है जो कैंसर के खतरे को बढ़ाता है। अगर आप कैंसर के खतरे को कम करना चाहते हैं तो मिनिमल रूटीन अपनाएं और इन प्रोडक्ट्स को खरीदने से पहले केमिकल्स के अनुपात को चेक कर लें।

फ़ेथलेट्स (Phthalates)

फ़ेथलेट्स वे केमिकल होते हैं जिनका इस्तेमाल कृत्रिम सुगंधों (Synthetic Fragrances) को लंबे समय तक बनाए रखने में मदद करने के लिए किया जाता है। आपको बता दें कि घर में रखे हेयर स्प्रे, परफ्यूम, एयर फ्रेशनर, नेल पॉलिश और ऐसे बाकी प्रोडक्ट्स में ये होते हैं जो एलर्जी को ट्रिगर करते हैं। ये केमिकल हार्मोन को प्रभावित करते हैं और ब्रेस्ट कैंसर जैसे कैंसर का कारण बन सकते हैं।

फार्मेल्डिहाइड (Formalehyde)

फार्मेल्डीहाइड एक बिना कलर वाली गैस है जिसकी गंध काफी तेज होती है। इसका इस्तेमाल बुल्डिंग मैटेरियल्स, ऑटोमोबाइल पार्ट्स, कीटाणुनाशक, कपड़े और बाकी चीजों में किया जाता है। आईएआरसी जैसे संगठनों का कहना है कि यह लोगों में कैंसर पैदा कर सकता है। यह 'नासोफेरींजल कैंसर' और 'ल्यूकेमिया' होने की वजह बन सकता है। लकड़ी का कोई भी सामान लेते समय यह चेक कर लें कि उसमें फार्मेल्डीहाइड न हो। इसके अलावा, अपने घर को हवादार रखें और उचित वेंटिलेशन के साथ नमी का लेवल कम रखें।

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