Cancer Vaccine: तो अब वैक्सीन से हो जाएगा स्किन कैंसर का इलाज! न कीमोथेरेपी करानी होगी न सर्जरी
Trial Of World's First Skin Cancer Vaccine : कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज भी उतना ही दर्दनाक होता है जितनी कि बीमारी। कैंसर का एक प्रकार होता है स्किन कैंसर जिसका इलाज अभी तक कीमोथेरेपी से होता आया है। कीमोथेरेपी के बाद कई बार मरीजों को तेज दर्द और अन्य साइड इफेक्ट्स का सामना करना पड़ता है। इलाज के बाद भी कैंसर के वापस लौटने का डर रहता है। लेकिन, संभव है कि जल्द ही स्किन कैंसर के मरीजों को इलाज में इस दर्द और डर से राहत मिल जाए। दरअसल, डॉक्टर्स ने दुनिया के पहले ऐसे टीके का ट्रायल शुरू किया है जिसके बारे में दावा किया जा रहा है कि यह मेलानोमा (Melanoma) का परमानेंट इलाज कर सकती है। मेलानोमा स्किन कैंसर का एक प्रकार है।
कैंसर ठीक करेगा और वापस आने से भी रोकेगा टीका
एक अनुमान के अनुसार हर साल पूरी दुनिया में लगभग 1.32 लाख लोग मेलानोमा के शिकार होते हैं। यह सबसे ज्यादा जान लेने वाला स्किन कैंसर भी है। वर्तमान में मेलानोमा का इलाज करने के लिए सर्जरी का तरीका सबसे ज्यादा अपनाया जाता है। इसके साथ ही कई बार कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी का इस्तेमाल भी किया जाता है। अब एक्सपर्ट्स ने इसके इलाज के लिए नई वैक्सीन का ट्रायल शुरू किया है। ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विसेज (NHS) ने सैकड़ों मरीजों पर इस mRNA वैक्सीन का ट्रायल शुरू किया है। उल्लेखनीय है कि यह वैक्सीन हर मरीज के लक्षणों और कैंसर के स्तर के हिसाब से अलग-अलग बनाई गई है जो शरीर में जाकर कैंसर सेल्स को ढूंढ कर खत्म करती है और उन्हें दोबारा वापस आने से रोकती है।
दूसरे चरण में मिले पॉजिटिव संकेत, कैसे करती है काम
इस वैक्सीन के ट्रायल के दूसरे चरण में पता चला था कि इसने मेलानोमा के मरीजों में कैंसर के वापस लौटने के खतरे को काफी हद तक कम कर दिया। अब इसके तीसरे चरण के ट्रायल की शुरुआत की गई है। 'द गार्जियन' की एक रिपोर्ट के अनुसार ट्रायल के नेशनल कोऑर्डिनेटिंग इन्वेस्टिगेटर डॉ. हेथर शॉ ने कहा कि यह टीका मेलानोमा से पीड़ित लोगों को ठीक कर सकता है। लंग, ब्लैडर और किडनी समेत अन्य कैंसर का इलाज करने के लिए भी इसकी टेस्टिंग की जा रही है। यह वैक्सीन इस तरह से बनाई गई है कि शरीर में जाते ही यह इम्यून सिस्टम को ट्रिगर करती है ताकि वह मरीज के खास तरह के कैंसर और ट्यूमर को खत्म करने का काम कर सके। इस टीके को mRNA-4157 (V940) नाम दिया गया है।
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