Cold Waves का फेफड़ों पर क्या असर? सेफ रहने के लिए फॉलो करें ये टिप्स
Cold Waves Affect On Lungs: सर्दियों की शुरुआत हो चुकी है। इन दिनों देश के अधिकांश हिस्सों का मौसम ठंडा होता है। इस मौसम में सांस की परेशानियां बढ़ जाती हैं क्योंकि विंटर सीजन में प्रदूषण भी बढ़ जाता है। तापमान कम होने से वायु की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। इन सभी घटकों के कारण फेफड़ों की समस्या सर्दियों में बढ़ जाती है। ऐसे में आपको यह जानना जरूरी है कि ऐसा क्यों होता है और इससे बचाव के क्या उपाय हैं।
कोल्ड वेव का लंग्स पर असर
सर्दियों का प्रदूषण हानिकारक कणों से भरपूर होता है। इस मौसम में पीएम2.5 के कण लंग्स को प्रभावित करते हैं। पॉल्यूशन और ठंडी हवा, दोनों मिलकर फेफड़ों में उलझन हो सकती है, जिससे सर्दी-खांसी और जुकाम के साथ सांस लेने में भी दिक्कत आती है। जो लोग पहले से ही बीमार हैं या फिर कमजोर इम्यूनिटी के हैं, तो वे अस्थमा, COPD और ब्रोन्काइटिस जैसी बीमारियों से भी पीड़ित हो सकते हैं। ये सभी डिजीज फेफड़ों से संबंधित हैं। ठंडी हवाओं से निमोनिया का रिस्क भी बढ़ता है।
ये भी पढ़ें: आपको तो नहीं है विटामिन बी12 की कमी?
कैसे रहें सुरक्षित?
1. वॉर्म कपड़े पहनें- जब भी बाहर जाएं तो गर्म और डबल लेयर्स में कपड़े पहनें, जिससे शरीर को गर्मी मिले और ठंडी हवा से बचाव हो।
2. मास्क या स्कार्फ यूज करें- घर से बाहर निकलते समय अपने चेहरे और नाक को मास्क या स्कार्फ से ढक कर रखें, जिससे बाहर की ठंडी हवा सीधे फेफड़ों को अटैक न कर सके।
3. नियमित व्यायाम करें- रोजाना कुछ व्यायाम जैसे वॉकिंग या योग करें। इससे बॉडी का ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और फेफड़े मजबूत होते हैं। ठंड में बर्फीली हवा में व्यायाम करने से बचना चाहिए।
4. हाइड्रेटेड रहें- सर्दियों में कुछ लोगों में पानी कम पीने की आदत हो सकती है, लेकिन यह हमारे फेफड़ों के लिए अच्छा नहीं है। इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।
5. गर्म पानी का भाप लें- भाप लेने से फेफड़े की सफाई होती है। साथ ही, श्वास नली में मौजूद बैक्टीरिया और जर्म्स भी नष्ट होते हैं। इसके अलावा, इनहेलर का उपयोग करें। घर के अंदर प्रदूषण और धुआं न फैलने दें।
ये भी पढ़ें: 21 दिन तक रोज पिएं इस पत्ते का जूस
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।