एक या दो नहीं पांच तरह के होते हैं सर्दी-जुकाम, ध्यान न देने पर जा सकती है जान!
Common Cold Types: मौसम में बदलाव के साथ, आप या आपके आस-पास के लोग खांसी और जुकाम से पीड़ित हो सकते हैं। यह एक कॉमन बीमारी है, जो किसी भी मौसम में हो सकती है। खासतौर पर बरसात और सर्दियों के आते ही इसका रिस्क भी बढ़ जाता है। कॉमन कोल्ड में गले में खराश, नाक बहना और खांसी जैसे लक्षण शामिल हैं। हालांकि, हम इन चीजों को समझकर ही कॉमन कोल्ड या फिर सर्दी-जुकाम होने की बात कहते हैं। पर क्या आप जानते हैं सर्दी-जुकाम एक नहीं बल्कि पांच अलग-अलग प्रकार के हो सकते हैं? आइए जानते हैं इस बारे में सब कुछ।
टाइम्स नाऊ की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने 200 अलग-अलग प्रकार के सर्दी-जुकाम के लक्षणों की खोज की है, जिनमें से इन 5 का खतरा सबसे ज्यादा है।
1. राइनोवायरस
रिसर्च में पाया गया है कि दुनिया भर में सर्दी के 50 प्रतिशत मामलों के लिए राइनोवायरस ही जिम्मेदार है। हालांकि ये पूरे साल फैलते रहते हैं, लेकिन राइनोवायरस सबसे ज्यादा मामले पतझड़ और वसंत के मौसम की शुरुआत में एक्टिव होते हैं। यह स्कूलों और दफ्तरों जैसी भीड़-भाड़ वाली जगहों पर ज्यादा फैलते हैं। इसके लक्षण हल्के होते हैं और एक सप्ताह से लेकर 10 दिनों में ठीक हो जाते हैं। यह वायरस कान में संक्रमण, साइनस संक्रमण या सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं पैदा करता है।
ये भी पढ़ें- दिवाली पर मिठाइयों से न करें परहेज, इन 5 हेल्थ टिप्स को करें फॉलो, मजबूत होगी इम्यूनिटी!
2. कोरोना वायरस
कोविड-19 की महामारी के बारे में कौन नहीं जानता है। इससे दुनियाभर में करोड़ों लोगों की जान गई थी। कोरोना भी एक कॉमन कोल्ड है, जो सबसे ज्यादा फैला है। आंकड़े बताते हैं कि कोरोनावायरस मौसमी सर्दी के लगभग 15 प्रतिशत मामलों के लिए जिम्मेदार है और आमतौर पर सर्दियों के मौसम में ज्यादा होता है।
3. एंटरोवायरस
एंटरोवायरस 300 से अधिक वायरसों का एक समूह है जिसमें राइनोवायरस, कॉक्ससैकीवायरस, इकोवायरस और पोलियोवायरस शामिल हैं, जो कई प्रकार की गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं। इसमें सांस से जुड़ी समस्याओं का रिस्क बहुत ज्यादा होता है। इसके अलावा, हाथ, पैर और मुंह की बीमारी शामिल है। इस प्रकार के सर्दी-जुकाम को भी ठीक होने में 1 हफ्ते का समय लगता है।
4. HPIV
मानव पैराइन्फ्लुएंजा वायरस या एचपीआईवी (HPIV), जो गले में खराश, बुखार, भरी हुई नाक और सीने में दर्द का कारण बनता है। इसमें श्वास नली के संक्रमण के होने का रिस्क भी रहता है, जिसमें आपके फेफड़ों पर भी प्रभाव पड़ता है। यह विशेष रूप से 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को अपना शिकार बनाता है।
5. एडिनोवायरस
एडिनोवायरस एक प्रकार का वायरस है जो विभिन्न संक्रमणों का कारण बन सकता है। यह वायरस सामान्यत: श्वसन नली, आंखों और आंतों को प्रभावित करता है। इसमें सामान्य जुकाम, ब्रोन्काइटिस, फेफड़ों में संक्रमण और आंखों की सूजन भी शामिल हैं। यह आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने, हवा में मौजूद कणों के जरिए या संक्रमित जगहों को छूने से फैलता है। इसके लक्षणों में नाक बहना, गले में खराश, खांसी, बुखार और पेट दर्द या दस्त शामिल हैं।
ये भी पढ़ें- कब्ज भी बन सकती है हार्ट अटैक की वजह, स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।