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तांबे का बर्तन या मिट्टी का घड़ा, किसका पानी फायदेमंद?
Copper Water Vs Matka Water: गर्मियों में कोई एक गिलास ठंडा पानी हाथ में दे दे, तो दिल को बड़ा चैन मिल जाता है। लेकिन इससे कई सारे नुकसान भी शरीर को होते हैं, यही कारण है कि अब भी कुछ पुराने जमाने के लोग या तो मटके का पानी पीते हैं या फिर तांबे के बर्तन का पानी पीते हैं।
वहीं, ज्यादातर इसी उधेड़बुन में रहते हैं कि मटके का पानी पीना ज्यादा बेहतर है या फिर तांबे के बर्तन का पानी पीना ज्यादा फायदेमंद होता है। अगर आप भी इसी सवाल में उलझे हैं, तो आइए इसका जवाब जान लेते हैं..
तांबा या मटका, कौन फायदेमंद?
आयुर्वेद के मुताबिक, पानी पीने के लिए मिट्टी के घड़े को सबसे बेहतरीन माना गया है। मिट्टी के पानी का अन्य बर्तनों के मुकाबले दूर-दूर तक कोई मुकाबला नहीं है। आयुर्वेद के अनुसार, घड़ी में पांचों धातु आग, जल, मिट्टी, हवा, होता है। वहीं, घड़े की यह भी खासियत है कि अगर पानी का टीडीएस (TDS) कम है तो यह उसे बढ़ा देता है और बहुत ज्यादा है तो इससे कम कर देता है।
इसलिए लोगों को घड़े का ही पानी पीना चाहिए। दरअसल, गर्मियों में हमारे शरीर की आग कमजोर पड़ जाती है, तो ऐसे में घड़े का पानी पीना काफी फायदेमंद होता है। इससे पित्त संतुलन (Bile Balance) रहता है और पेट की समस्याएं दूर होती हैं। वहीं, तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से कई नुकसान हो सकते हैं।
घड़े के पानी के फायदे
- पाचन में सुधार करने के साथ-साथ इम्यून सिस्टम मजबूत रहता है।
- पेट को ठंडक मिलती है और लू लगने का खतरा कम होता है।
- पेट शांत होता है इससे स्किन के फोड़े फुंसी और मुंहासे दूर होते हैं और त्वचा में चमक आती है।
- इससे पानी पीने से बॉडी को जरूरी मिनरल्स मिलते हैं।
- बॉडी में आयरन की कमी दूर होती है।
तांबे के बर्तन में पानी पीने के साइड इफेक्ट
- कई बार तांबे के बर्तन में रखा पानी पीते हैं तो इससे आपके शरीर में तांबे की मात्रा बढ़ सकती है और मतली, वोमिटिंग, लूज मोशन, गैस जैसी शिकायत हो सकती है।
- आयुर्वेद के अनुसार, तांबे का बर्तन इस्तेमाल न करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि आज की जो जीवनशैली है, उसके हिसाब से लोगों की न तो अग्नि अच्छी है न ही पाचन अच्छा है।
- तांबे का इस्तेमाल राख के तौर पर किया जाता है इसमें तांबे के धातु गुणों को मारा जाता है फिर यूज में लाया जाता है।
- इससे नर्वस सिस्टम डैमेज होता है और नसें कमजोर होती है।
- तांबे के बर्तन में रखा पानी सीमित मात्रा में सेवन की जाए तो ठीक है, लेकिन अगर ज्यादा बार इसका यूज करते हैं, तो इससे लिवर को नुकसान होता है।
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