बढ़ा हुआ शुगर छीन सकता है आंखों की रोशनी, इस बीमारी का रहता है खतरा
Diabetic Retinopathy: डायबिटीज, जिसे मधुमेह भी कहते हैं। यह बीमारी हमारी खराब जीवनशैली के प्रभाव से होती है। भारत को तो डायबिटीज कैपिटल माना गया है। यहां सबसे ज्यादा मधुमेह के रोगी रहते हैं। टाइप-2 डायबिटीज, शुगर का गंभीर प्रकार है। इस टाइप में शुगर सामान्य से अधिक हो जाता है, जिसके बाद शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित होने लगते हैं। बढ़े हुए शुगर लेवल से आंखों की एक बीमारी, जिसे डायबिटिक रेटीनोपैथी कहते हैं का रिस्क बढ़ता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें, तो इस बीमारी में लोगों को देखने में भी समस्या हो सकती है। चलिए जानते हैं इस बीमारी का कारण और बचाव के उपाय समेत शुरुआती संकेत।
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क्या है डायबिटिक रेटिनोपैथी?
डायबिटिक रेटिनोपैथी, आंखों की रोशनी से संबंधित ऐसी बीमारी है, जो शुगर पेशेंट्स को होती है। खासतौर पर टाइप-2 के मरीज इससे ज्यादा प्रभावित होते हैं। यह उन लोगों को भी प्रभावित करता है, जो शुगर होने के बावजूद स्मोकिंग और शराब का सेवन करते हैं।
क्यों खतरनाक है डायबिटिक रेटिनोपैथी?
डायबिटिक रेटिनोपैथी में ब्लड वेसल्स का नुकसान होता है, जो आंख की रेटिना (आंख की भीतरी परत) में खून की आपूर्ति करता है। समय के साथ, यह बीमारी आंखों की दृष्टि को प्रभावित कर सकती है और यदि समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो अंधेपन का कारण बन सकती है।
डायबिटिक रेटिनोपैथी के शुरुआती संकेत
- आंखों में धुंधलापन होना।
- कम दिखाई देना।
- लगातार सिरदर्द होना।
- चक्कर आना।
- आंखों के सामने काले धब्बे या तैरते हुए कुछ दिखाई देना।
डायबिटिक रेटिनोपैथी से बचाव के उपाय
- हर 6 महीनों में आंखों की जांच करवाएं।
- डायबिटीज चेक करते रहें ताकि शुगर लेवल पर ध्यान रहे।
- ब्लड प्रेशर को बढ़ने न दें।
- वजन कम करें।
- यदि शुगर की दवा ले रहे हैं, तो समय और निर्देशानुसार सेवन करें।
डायबिटीज कंट्रोल रखने के कुछ तरीके
- स्वस्थ और फाइबर युक्त आहार खाएं।
- जौ का सेवन करें।
- ताजे फल-सब्जी खाएं।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
- रोजाना एक्सरसाइज करें।
- चीनी की जगह अन्य स्वीटनर्स का इस्तेमाल करें।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।