Gen Z पर डायबिटीज का खतरा ज्यादा! जानिए कारण और बचाव के उपाय
Diabetes Causes in Gen Z: मधुमेह रोगियों की संख्या हर दिन बढ़ रही है। इंडिया को डायबिटीज कैपिटल माना जाता है। यहां के मामले ज्यादा हैं, लेकिन उससे भी ज्यादा गंभीर बात यह है कि यहां के युवा, जिन्हें जेन जी (Gen Z) कहा जाता है, वे इस बीमारी से सबसे अधिक पीड़ित पाए जाते हैं। यहां के युवा और किशोर इस बीमारी के शिकार लगातार हो रहे हैं। मगर इसका कारण क्या है? आइए जानते हैं युवा क्यों बन रहे हैं टारगेट और कैसे ये लोग खुद को सुरक्षित कर सकते हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
कुछ स्टडीज में इस बात का खुलासा हुआ है कि 30 साल तक के युवाओं के शरीर में प्री-डायबिटीज के लक्षण दिखाई देते हैं और कुछ में तो टाइप-2 के संकेत भी दिखने लगते हैं। डॉक्टर अदवैत शर्मा, जो कि ट्रूवर्थ वेलनेस के चीफ मेडिकल ऑफिसर हैं, हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में बताते हैं कि युवाओं में आजकल जो ट्रेंड है, वह उनकी सेहत के लिए हानिकारक है। युवाओं की लाइफस्टाइल स्ट्रेस में रहती है, इन लोगों को डायबिटीज जेनेटिकली मिली है, जो मधुमेह रोग का एक कारण है। इसके अलावा, युवाओं के डेली रूटीन में शराब, धूम्रपान और ओवरईटिंग की समस्याएं भी डायबिटीज का कारण बन रही हैं।
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कैसे कर सकते हैं बचाव?
डॉक्टर अदवैत शर्मा बताते हैं कि युवा कुछ अच्छी आदतों का पालन करें, तो डायबिटीज की रोकथाम कर सकते हैं।
1. संतुलित आहार- अच्छी संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन बढ़ाएं। अपनी डाइट में प्रोटीन, फाइबर और ताजे फल-सब्जियों को शामिल करें। साबुत अनाज खाने से भी शुगर लेवल नियंत्रित रहेगा।
2. एक्टिव रहें- फिजिकल एक्टिविटीसेहतमंद रहने के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि शुगर लेवल कंट्रोल रहता है। रोजाना वॉकिंग, साइकलिंग या स्ट्रेचिंग करने से आपको लाभ होगा। आप सीढ़ियां भी चढ़ सकते हैं।
3. स्ट्रेस मैनेजमेंट- तनावमुक्त रहने की कोशिश करें। आप व्यायाम कर सकते हैं, योग कर सकते हैं और अलग-अलग टेक्निक्स फॉलो कर सकते हैं। ज्यादा फोन या स्क्रीन से कनेक्टेड रहने से भी तनाव बढ़ता है।
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4. नींद पूरी करें- डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए या इसकी रोकथाम में नींद की भी अहम भूमिका रहती है। पर्याप्त नींद लेने से शरीर में इंसुलिन की मात्रा संतुलित रहती है। इसलिए, सही समय पर सोएं और जागें। कोशिश करें, रोजाना सेम समय पर ही सोने जाएं।
5. रेगुलर चेकअप- प्री-डायबिटीज के लक्षणों से ही शरीर का ध्यान रखना शुरू कर दें। समय-समय पर शुगर की जांच करवाने से ब्लड शुगर के स्तर की जानकारी मिलती रहेगी और बचाव में मदद मिलेगी।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।