Diabetes Causes: नॉनवेज लवर्स हो जाएं सावधान, बढ़ रहा है डायबिटीज का खतरा
Diabetes Causes: डायबिटीज से भारत की अधिकतर जनसंख्या पीड़ित है, हालांकि, सिर्फ भारत नहीं, मधुमेह की बीमारी से दुनियाभर में लाखों लोग ग्रस्त हैं। एक नई रिसर्च में पाया गया कि नॉनवेज का सेवन इंसानों में टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ा रहा है। ये रिसर्च 20 देशों के लोगों में किया गया है, जिससे यह पता चला कि अलग-अलग तरह के मांस का सेवन कैसे बढ़ा रहा है टाइप-2 डायबिटीज।
रिसर्च में ये खुलासा हुआ
इस अध्ययन के जरिए मांस चाहे पॉल्ट्री का हो या प्रोसेस्ड मीट हो, इनका सेवन डायबिटीज को बढ़ावा दे रहा है। रिसर्च में पाया गया कि जो लोग रोजाना 50 ग्राम प्रोसेस्ड मीट, 100 ग्राम अनप्रोसेस्ड रेड मीट या 100 ग्राम पोल्ट्री मीट का सेवन करते हैं, वे आसानी से डायबिटीज के शिकार हो सकते हैं।
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इन तीन मांसों पर किया गया अध्ययन
अध्ययन के लिए तीन मांसों की श्रेणी बनाई गई थी, जिनमें ये तीन मांस शामिल हैं: पहला प्रोसेस्ड मीट जैसे- बीफ, पोर्क और भेड़ का बच्चा; दूसरा अनप्रोसेस्ड मीट यानी बेकन, हॉट डॉग और सोसेज, जिनका इस्तेमाल बर्गर, सैंडविच और स्नैक्स में सबसे ज्यादा किया जाता है; और तीसरा प्रकार यानी पोल्ट्री मीट, जिसमें चिकन, टर्की और बत्तख का मांस शामिल है। दुनिया के अधिकतर देशों में इनका सेवन किया जाता है, खासतौर पर रेड मीट, जो बाकी सभी मांस में सबसे ज्यादा हानिकारक माना गया है।
क्यों है रेड मीट ज्यादा घातक?
लाल मांस का सेवन करने से शरीर को डायबिटीज के साथ-साथ कई अन्य प्रकार के नुकसान हो सकते हैं। यह मांस डायबिटीज टाइप- 2 का खतरा सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ा सकता है। रिसर्च के अनुसार, डायबिटीज टाइप-2 के शिकार लगभग 1 लाख मरीज ऐसे हैं जो रेड मीट खाते थे। ये मरीज अमेरिका, ब्रिटेन, ब्राजील और मेक्सिको जैसे कई अन्य कई देशों के लोग हैं। यदि आप लाल मांस का प्रोसेस्ड मीट खाते हैं, तो तुरंत इसे खाना छोड़ दें, क्योंकि लाल मांस में पहले से ही डायबिटीज वाले गुण मौजूद होते हैं। इनमें अलग से प्रोसेसिंग के समय केमिकल उत्पादों का उपयोग होगा, तो यह मांस और भी ज्यादा हानिकारक हो जाता है।