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अब रोज इंसुल‍िन का दर्द झेलने की जरूरत नहीं, हफ्ते में बस एक द‍िन और बन जाएगा काम

Novo Nordisk Weekly Insulin Jab : डायबिटीज के मरीजों के लिए एक खुशखबरी है। डेनमार्क की कंपनी एक ऐसी वैक्सीन लाई है जिसे हफ्ते में एक दिन ही लगाने से काम चल जाएगा। यानी रोज-रोज की इंसुलिन से मुक्ति मिल जाएगी। इस वैक्सीन को भारत में जल्द लॉन्च किया जा सकता है। जानें, क्या है वह वैक्सीन:
10:28 AM Jul 03, 2024 IST | Rajesh Bharti
अब रोज इंसुल‍िन का दर्द झेलने की जरूरत नहीं  हफ्ते में बस एक द‍िन और बन जाएगा काम
रोजाना की वैक्सीन से मिलेगी मुक्ति।

Novo Nordisk Weekly Insulin Jab : डायबिटीज के मरीज को अब रोजाना इंसुलिन लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डेनमार्क की कंपनी ने एक ऐसी वैक्सीन बनाई है जिसे हफ्ते में एक बार लगाने से ही काम चल जाएगा। भारतीय मार्केट में इस वैक्सीन को जल्दी लाया जा सकता है। भारत की एक मेडिकल संस्था ने इस वैक्सीन को भारत में बेचने की सिफारिश की है। इस वैक्सीन का नाम इंसुलिन आईकोडेक (Insulin Icodec) है।

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इंसुलिन मार्केट को मिल सकती है नई दिशा

इस वैक्सीन के इंडियन मार्केट में आने से इंसुलिन मार्केट को नई दिशा मिल सकती है। डेनमार्क की कंपनी नोवो नॉर्डिस्क (Novo Nordisk) इसे भारत में जल्दी लॉन्च कर सकती है। इसके लिए वह भारत से अप्रूवल का इंतजार कर रही है। माना जा रहा है कि यह कंपनी इस वैक्सीन के अप्रूवल के काफी करीब है। भारत के ड्रग कंट्रोलर के अंतर्गत काम करने वाली संस्था सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी (SEC) ने सिफारिश की है कि इस वैक्सीन को भारत में इंपोर्ट किया जाए और बेचा जाए।

Vaccine

हफ्ते में एक दिन की वैक्सीन ही रहेगी काफी।

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यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी से मिल चुकी है अनुमति

यह वैक्सीन तीन वेरिएंट में है। इसमें 700 U-ml, 1050 U/1.5ml और 2100 U/3ml हैं। इसे यूरोपियन मेडिसिन्स एजेंसी (EMA) की ओर से बेचने की अनुमति मिल चुकी है। इसी प्रकार की अनुमति के लिए Novo Nordisk ने भारत से अप्रूवल मांगा है। अप्रूवल की मांग तीनों वेरिएंट को बेचने के लिए की है। इस बारे में SEC का कहना है कि इस वैक्सीन को बेचने से पहले कंपनी को भारत में एक पोस्ट मार्केटिंग सर्विलांस (PMS) स्टडी करनी होगी।

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सीधे इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे इसे

इकोनॉमिक्स टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक इस वैक्सीन को कोई भी डायबिटीज मरीज सीधे इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। SEC का कहना है कि सिर्फ रजिस्टर्ड एंडोक्रिनोलॉजिस्ट या पोस्ट ग्रेजुएट (मेडिसिल) क्वालिफाइड फिजिशन ही इस वैक्सीन को लगाने की अनुमति दे सकेंगे।

3 महीने का दिया समय

SEC ने कंपनी से कहा है कि वह 3 महीने में PMS स्टडी की रिपोर्ट पेश करे ताकि कंपनी को मार्केटिंग के अधिकार दिए जा सकें। साथ उसे इस वैक्सीन के पैकेज इंसर्ट को संशोधित करना होगा। इसके बाद ही कंपनी को Central Drugs Standard Control Organization (CDSCO) से अप्रूवल दिया जाएगा। माना जा रहा है कि Novo Nordisk इन सभी प्रक्रिया को 3 महीने में पूरी कर लेगी और इसके बाद यह वैक्सीन मार्केट में आ जाएगी।

यह भी पढ़ें : बारिश के मौसम में डायबिटीज मरीज रखें 5 बातों का ख्याल

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