मटके का पानी पीने के फायदे तो मालूम हैं, आज नुकसान भी जान लीजिए
Matke ka paani : गर्मियों में मटके का पानी हमेशा से लोगों की पहली चॉइस रहा है। मार्केट में इन दिनों जगह-जगह मटके मिल रहे हैं। मटके का पानी शरीर को फायदा पहुंचाए, इसके लिए जरूरी है कि मटका न केवल साफ मिट्टी से अच्छे से पकाया गया हो बल्कि उससे पानी लेने में भी सफाई का ध्यान रखें। जरा-सी लापरवाही से मटके का पानी शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है।
इन गुणों की खान है मटका
- मटके के पानी में काफी मात्रा में ऐसे पोषक तत्व और मिनरल्स रहते हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं।
- मटके के पानी में विटामिन बी और सी होती हैं जो शरीर के लिए बेहद जरूरी हैं। ये विटामिन शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाती हैं जिससे हम जल्दी-जल्दी बीमार नहीं पड़ते।
- मिट्टी में मौजूद आयरन की कुछ मात्रा मटके के पानी में आ जाती है जो पानी पीने के साथ शरीर में मिल जाती है। इससे शरीर में आयरन की कमी नहीं रहती।
- मटके के पानी में क्षारीय गुण होते हैं। वहीं इंसान का शरीर अम्लीय होता है। ऐसे में मटके का पानी पीने से शरीर का पीएच लेवल सही बना रहता है। इससे पेट में गैस या एसिडिटी की समस्या नहीं होती।
- मटके का पानी पीने से पाचन क्रिया बेहतर होती है और मेटाबॉलिज्म में सुधार होता है। साथ ही टेस्टोस्टेरोन का लेवल भी बैलेंस रहता है।
इन 3 तरीकों से पहचानें सही मटका
1. पेंट और कलर जरूर देखें
ऐसा मटका खरीदें जिसके अंदर किसी भी प्रकार का पेंट या कलर न हो। अंदर पेंट या कलर होने ये यह पीने वाले पानी के संपर्क में बना रहता है जिससे हानिकारक केमिकल पानी के साथ शरीर में चले जाते हैं। वहीं अगर कलर या पेंट बाहर भी नहीं है तो और ज्यादा बेहतर है। अगर बाहर पेंट या कलर है तो उसे उंगली से रगड़कर देखें। अगर वह चिकना लगे और उंगली पर उसका निशान न आए तो ऐसे मटके को खरीदने से बचें।
2. POP वाला मटका ऐसे पहचानें
मार्केट में सफेद रंग वाले भी मटके मिल रहे हैं। दवा किया जाता है कि ये लाल रंग वाले मटके से ज्यादा बेहतर होते हैं और इनमें पानी ज्यादा ठंडा होता है। अगर सफेद रंग का मटका खरीद रहे हैं, तो उसकी बाहरी सतह को उंगली से रंगड़कर देखें। अगर उंगली पर सफेद पाउडर लग जाए तो उसमें POP मिला होता है। यह POP एक केमिकल है जो सेहत के लिए हानिकारक है।
3. चमक पर न जाएं
अगर कोई मटका चमकीला दिखाई दे तो उसे न खरीदें। दरअसल, काफी मटकों पर चमक या सिरेमिक की कोटिंग होती है। इस चमक के लिए रंग या वार्निश का इस्तेमाल किया जाता है जो सेहत के लिए नुकसानदायक होती है। वहीं सिरेमिक की कोटिंग से भी सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
मटके का पानी काफी गुणकारी माना जाता है
सफाई भी है जरूरी
मटके की लगातार सफाई भी जरूरी है। सफाई न होने पर मटके में फंगस लग जाती है जिससे पानी की क्वॉलिटी खराब हो जाती है और वह पीने योग्य नहीं रह जाता। मटके को हफ्ते में दो दिन अंदर और बाहर, दोनों तरफ से साफ करें। अंदर के हिस्से को किसी कपड़े से रगड़कर साफ करें ताकि फंगस न लग सके। साफ करने के बाद मटके को धूप में सूखने के लिए छोड़ दें। जब मटका सूख जाए तो फिर से पीने के लिए पानी भर लें।
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टोंटी से नुकसान नहीं
बेहतर होगा कि ऐसा मटका खरीदें जिसमें टोंटी न हो। इसके कई फायदे हैं। कई बार टोंटी खराब आ जाती है जिससे पानी की बूंदें टपकती रहती हैं या ये बहुत जल्दी खराब हो जाती हैं। वहीं दूसरी ओर लोगों का मानना है कि टोंटी होने से मटके के पानी को बिना छूए ही निकाला जा सकता है। वैसे टोंटी से कोई नुकसान नहीं है।
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