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इंसान के दिमाग में लगी चिप में आई खराबी, एलन मस्क की कंपनी ने किया स्वीकार

Human Brain Implant Had Issues : इंसान के दिमाग में लगी जिस चिप को क्रांतिकारी बताया जा रहा था, उसमें खराबी की बात सामने आई है। यह खराबी चिप लगने के एक हफ्ते बाद ही आनी शुरू हो गई थी। इस बात की जानकारी एलन मस्क की ही कंपनी ने दी है।
09:18 AM May 09, 2024 IST | Rajesh Bharti
इंसान के दिमाग में लगी चिप में आई खराबी।
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Neuralink Company Human Brain Implant Had Issues : दुनिया के सबसे दौलतमंद लोगों में शुमार और टेस्ला कंपनी के मालिक एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक कॉर्पोरेशन फिर से चर्चा में आ गई है। ब्रेन टेक्नोलॉजी से जुड़ी इस कंपनी ने पिछले महीने एक इंसान के दिमाग में चिप फिट की थी। अब कंपनी ने स्वीकार किया है कि इस चिप में खराबी आई थी। कंपनी ने इस बात की जानकारी एक ब्लॉग पोस्ट के जरिए दी।

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टिशू से हटने लगे थे थ्रेड

कंपनी ने इस साल जनवरी में नोलैंड नाम के एक शख्स के दिमाग में सर्जरी करके चिप लगाई थी। इस चिप का उद्देश्य इंसान के दिमाग को ज्यादा ताकतवर बनाना था। चिप से जुड़े कुछ महीन इलेक्ट्रोड थ्रेड (बहुत बारीक वायर) को दिमाग के टिशू (ऊतकों) से जोड़ा गया था। चिप लगने के कुछ हफ्ते बाद ही इसमें मैकेनिकल समस्याएं आनी शुरू हो गई थीं। ये थ्रेड दिमाग के टिशू से हटने शुरू हो गए थे। कंपनी ने स्वीकार किया कि उनकी इस डिवाइस ने सही से काम नहीं किया था।

इंसान के दिमाग में लगी चिप में आई खराबी

बाद में हुआ सुधार

कंपनी ने कहा कि इस समस्या को एक सॉफ्टवेयर के जरिए सही कर दिया गया था। इसके बाद इस चिप ने बेहतर काम किया और नोलैंड के शुरुआती प्रदर्शन को पीछे छोड़ दिया। कंपनी ने कहा कि अब वह इस पर कंट्रोल के लिए काम कर रही है। कंपनी का उद्देश्य इस चिप को रोबोटिक आर्म और व्हीलचेयर में इस्तेमाल करना है ताकि इसे वे लोग आसानी से इस्तेमाल कर सकें जो दिमागी रूप से विकसित नहीं होते।

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जानें कंपनी के बारे में

एलन मस्क ने साल 2016 में इस कंपनी की शुरुआत की थी। इस कंपनी का उद्देश्य ऐसी चिप बनाना है जो इंसान के दिमाग और कंप्यूटर के बीच में बेहतर कम्यूनिकेशन स्थापित कर सके। कंपनी इस चिप को ज्यादा से ज्यादा इंसानों में लगाना चाहती है।

यह भी पढ़ें : अब हाथ नहीं ब्रेन चलाएगा फोन-कंप्यूटर, इंसानी दिमाग में लगी चिप, Elon Musk ने बताया कैसे-क्यों लगाई?

को-फाउंडर ने छोड़ी कंपनी

हाल ही में न्यूरालिंक कंपनी के को-फाउंडर बेंजामिन रापोपोर्ट ने इस कंपनी को छोड़ दिया है। बेंजामिन ने इस कंपनी के कामकाज को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने इसे इंसान के लिए सुरक्षित नहीं बताया। पेशे से न्यूरोसर्जन बेंजामिन ने एक पॉडकास्ट में बताया कि कंपनी जो काम कर रही है, वह इंसान के लिए सुरक्षित नहीं है। कंपनी जिन छोटे-छोटे इलेक्ट्रोड का इस्तेमाल करती है, वे इंसान के दिमाग को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

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Tags :
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