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Monsoon में आईफ्लू का खतरा बढ़ा! इन 5 शुरुआती लक्षणों को न करें इग्नोर
How To Get Rid Of Eye Flu: बारिश में संक्रमण के चलते लोगों में आई फ्लू होने का खतरा बढ़ गया है। आई फ्लू के चलते लोगों को आंख की पुतली की बाहरी परत और भीतरी पलक में सूजन और दर्द हो सकता है। नतीजतन दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में आई फ्लू की समस्या से पीड़ित मरीजों की संख्या में करीब 20% तक बढ़ोतरी हुई है।
डॉक्टरों के अनुसार, जुलाई महीने के आखिर तक आई फ्लू का पीक देखने को मिल सकता है। इसलिए डॉक्टरों ने लोगों को संक्रमण को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी है।स्कूली बच्चों को आई फ्लू के इंफेक्शन से बचाने को लेकर कई बातों का ध्यान रखना चाहिए।
आंखें आना क्या है?
आंखें आने की घटन को आई कंजक्टिवाइटिस, वायरल कंजक्टिवाइटिस, बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस या आंखों का संक्रमण भी कहते हैं। इससे पीड़ित की आंखों में दर्द, खुजली और सूजन के साथ ज्यादा पानी निकलता है। आंखों से गाढ़ा चिपचिपा पदार्थ निकलता है, जिससे आंखों के आस-पास पपड़ी जम जाती है।
कंजंक्टिवाइटिस के उपचार के लिए एंटीबायोटिक दवा का यूज कर सकते हैं। इसके लिए आंखों में जेंटामाइसिन/टोब्रामाइसिन (Gentamicin/Tobramycin) दवा इस्तेमाल की जा सकती है। यह अक्सर अपने-आप ही ठीक हो जाता है, लेकिन इलाज से रिकवरी तेज हो सकती है। प्रॉपर सफाई बरतनी चाहिए और 3 से 7 दिन तक डॉक्टर की सलाह लेकर इलाज कराना चाहिए।
आई फ्लू के लक्षण
- आंखें लाल होना, सूजन आना, खुजली होना और दर्द होना।
- आंखों में से पीला पानी निकलना।
- सुबह सोकर उठने पर पलकों का चिकपना।
- आई फ्लू होने पर बुखार भी आ सकता है।
- लाइट के प्रति आंखों का सेंसिटिव होना।
आई फ्लू होने पर बिल्कुल भी न करें ये चीजें
- खुजली होने पर आंखें मसले नहीं, बार-बार न टच करें।
- डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवा न लें।
- भीड़-भाड़ वाली जगह न जाएं।
- किसी से हाथ न मिलाएं।
- कपड़े, तकिया, हैंकर चीफ यानी की रूमाल और तौलिया किसी से शेयर न करें।
- आई फ्लू होने पर स्विमिंग न करें।
- बच्चों को आई फ्लू होने पर स्कूल न भेजें।
कैसे करें बचाव?
- हाथों को साबुन या सैनिटाइजर से साफ रखें।
- गुनगुने पानी में रुई भिगोकर आंखें साफ करें।
- हमेशा साफ रुमाल का इस्तेमाल करें।
- काले चश्मे का इस्तेमाल करें।
- कॉन्टैक्ट लेंस लगाते हैं तो लगाना बंद कर दें।
- धुंधलापन दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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