रेस्टोरेंट के फूड से कोमा में पहुंची 2 साल की बच्ची, आखिर क्यों और कैसे बिगड़ी तबीयत?
Food Poisoning: मौसम बदलते ही तरह-तरह की बीमारियां इंसान को हो सकती हैं, इसका कारण कमजोर इम्यूनिटी होता है। हालांकि, जरूरी नहीं है कि इम्यूनिटी से ही आप बीमार हों, क्योंकि कई बार बाहर का हानिकारक भोजन भी आपकी सेहत को बिगाड़ सकता है। कुछ ऐसा ही हुआ है मिस्त्र की इस लड़की के साथ। दरअसल, दो वर्ष की क्लो क्रुक एक फैमिली ट्रिप के दौरान गंभीर रूप से बीमार हो गई। उसे रेस्टोरेंट में खाना खाने के बाद फूड पॉइजनिंग हुई थी। जिसके बाद उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां भी उसकी स्थिति इतनी खतरनाक हो गई कि वह कोमा में चली गई। कुछ दिनों बाद क्लो की मौत भी हो गई। इस दौरान उसे कई गंभीर समस्याओं का सामना भी करना पड़ा। डॉक्टरों ने बताया कि क्लो एक दुर्लभ हेल्थ कंडीशन से जूझ रही थी, जिस कारण उसकी मौत हुई। आइए जानते हैं, इस बारे में।
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क्या हुआ था क्लो को?
डॉक्टरों के अनुसार क्लो हेमोलाइटिक यूरेमिक सिंड्रोम (HUS) से पीड़ित थी, जो खून से संबंधित एक गंभीर बीमारी है। द सन में पब्लिश एक रिपोर्ट के अनुसार, क्लो को वापस ब्रिटेन ले जाया गया, जहां की वह थी और चार दिन के लिए कोमा में रखा गया, क्योंकि उसके वह एक गंभीर स्थिति में थी। उसके लक्षण लगातार बिगड़ रहे थे। क्लो को निमोनिया के साथ-साथ गले के आस-पास क्लॉटिंग भी हो गई थी। यह सभी हेमोलाइटिक यूरेमिक सिंड्रोम के कारण होता है।
क्या है यह बीमारी?
हेमोलाइटिक यूरेमिक सिंड्रोम, जो कॉमनली HUS नाम से जानी जाती है। इस बीमारी में शरीर में ऐसी स्थिति पैदा होती है, जिसमें छोटे ब्लड वेसल्स क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और उनमें सूजन आ जाती है। इससे रक्त वाहिकाओं के अंदर और पूरे शरीर में खून के थक्के बनने लगते हैं। यह किसी इंसान के प्रमुख अंगों जैसे किडनी तक तुरंत फैल सकता है - जिसके परिणामस्वरूप किडनी डैमेज हो जाती है। रिपोर्ट की मानें तो, यह बीमारी छोटे बच्चों को ज्यादा होती है। इस बीमारी को काफी गंभीर और जानलेवा भी माना गया है। हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि समय रहते इसका उपचार किया जाए, तो जोखिम को कम किया जा सकता है। क्लो भी इस बीमारी की शिकार थी।
कैसे होते हैं इस बीमारी के शुरुआती संकेत?
- दस्त लगना।
- पेट में दर्द, ऐंठन या सूजन होना।
- बुखार आना।
- अत्यधिक थकान महसूस करना।
- जल्दी से चोटग्रस्त हो जाना।
- लगातार उल्टी आना।
- त्वचा का रंग खराब होना।
- ब्लीडिंग होना।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।