हीटवेव में सावधान! 5 डिग्री तक बढ़ जाता है शरीर का तापमान, दिमाग तक नहीं पहुंच पाता खून, हो सकती है मौत
Take Care in Heatwave : उत्तर भारत समेत देश के कई हिस्सों में इन दिनों भयंकर गर्मी पड़ रही है। हीटवेव यानी लू से लोगों का बुरा हाल है। कई लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा बुरी स्थिति राजस्थान की है। हाल ही में शाहरुख खान की भी गर्मी से हालत खराब हो गई थी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। हीटवेव को देखते हुए हेल्थ मिनिस्ट्री ने भी एडवाइजरी जारी की है। वहीं हीटस्ट्रोक के लक्षणों को भी नजरअंदाज करने को नहीं कहा है। एक्सपर्ट के मुताबिक ज्यादा गर्मी से इंसान के शरीर का सामान्य तापमान 5 डिग्री तक बढ़ जाता है। इसका असर खून की सप्लाई पर पड़ता है और इंसान कोमा में जा सकता है। अगर समय पर उपचार न मिले तो उसकी मौत भी हो सकती है।
क्या है हीटवेव
जब किसी खास इलाके का तापमान सामान्य से 5 डिग्री या इससे ज्यादा हो जाता है तो वहां गर्मी काफी बढ़ जाती है। तापमान बढ़ने से वहां गर्म हवाएं चलने लगती हैं। इसी स्थिति को हीटवेव कहते हैं। मौसम विभाग के मुताबिक मैदानी इलाकों में 40 डिग्री या इससे ज्यादा का तापमान हीटवेव की कैेटेगरी में आता है। इसी प्रकार पहाड़ी इलाकों में जब तापमान 30 डिग्री से ज्यादा हो जाता है तो वहां की स्थिति को हीटवेव कहा जाता है। जब तापमान सामान्य 7 या इससे ज्यादा डिग्री बढ़ जाए तो स्थिति रेड अलर्ट की हो जाती है।
Stay cool, stay safe!
Beat the heat with precautions: stay hydrated, seek shade, and limit outdoor activities during peak hours.
.#BeatTheHeat pic.twitter.com/h6Qtj3DrP6— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) May 23, 2024
क्याें है खतरनाक
एक्सपर्ट के मुताबिक हीटवेव के संपर्क में आना काफी खतरनाक होता है। इससे जान भी जा सकती है। एक्सपर्ट कहते हैं कि शरीर का तापमान बढ़ने से खून गाढ़ा होने लगता है और ब्लड प्रेशर कम होने लगता है। इस वजह से खून की दिमाग तक सही से सप्लाई नहीं हो पाती। अगर शख्स ज्यादा समय तक हीटवेव के संपर्क में रहता है तो दिमाग तक खून की सप्लाई सही न होने से वह कोमा में भी जा सकता है। अगर ऐसा होता है और उसे समय पर इलाज न मिले तो उसकी मौत भी हो सकती है।
इन्हें ज्यादा खतरा
हीटवेव से बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा होता है। वहीं अगर कोई डायबिटीज, ब्लड प्रेशर या दिल की बीमारी का मरीज है तो उसे भी हीटवेव में न जाने की सलाह दी जाती है। ऐसे लोगों के हीटवेव की चपेट में आने की आशंका सामान्य लोगों के मुकाबले ज्यादा होती है।
गर्मी के मौसम में, सुरक्षित रहना महत्वपूर्ण है। उच्च तापमान से सावधान रहें, हीटस्ट्रोक के लक्षणों को न अनदेखा करें।
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ऐसे करें बचाव
- हीटवेव के दौरान घर से बाहर निकलने से बचें और जितना हो सके, सीधे धूप के संपर्क में न आएं।
- अगर बाहर कोई जरूरी काम है तो सुबह और देर शाम को निपटाने की कोशिश करें।
- दिन में बाहर निकलना जरूरी हो तो छाता लेकर जाएं और सूती व हल्के कपड़े पहनें।
- शरीर के तापमान को सामान्य बनाए रखने के लिए पानी पीते रहें। अगर पसीना ज्यादा निकलता है तो पानी में चुटकी भर सादा नमक और चीनी मिलाकर दिन में दो बार पिएं ताकि शरीर में सोडियम की कमी न रहे।
- चाय-कॉफी आदि न पिएं या इनका बहुत कम इस्तेमाल करें। ऑइली खाने को भी अवॉइड करें। बाहर की चीजें न खाएं। पानी की ज्यादा मात्रा वाले फल जैसे तरबूज, खरबूज आदि का इस्तेमाल करें। दही, छाछ आदि का सेवन करें।