ज्यादा स्ट्रेस में रहना इस हार्मोन के बढ़ने का इशारा, जानें शुरुआती संकेत व बचाव के उपाय
High Cortisol Level Symptoms: बॉडी को सेहतमंद बनाए रखने में खाने-पीने के साथ-साथ शरीर के अंदर मौजूद हार्मोन्स भी जरूरी होते हैं। हार्मोन्स का संतुलन सही रहेगा, तो अमूमन लाइफस्टाइल से संबंधित समस्याएं आपको नहीं होंगी। आपने डोपामाइन हार्मोन के बारे में तो सुना ही होगा, जो हमारे ब्रेन को खुश होने का मैसेज ट्रांसफर करता है लेकिन क्या कभी कोर्टिसोल हार्मोन के बारे में सुना है? अगर नहीं, तो जान लीजिए इस हार्मोन के बारे में सबकुछ, क्यों यह हार्मोन जरूरी है, बढ़ने पर क्या संकेत दिखते हैं और कब गंभीर होता है इसका बढ़ना।
क्या है कोर्टिसोल हार्मोन?
कोर्टिसोल हार्मोन हमारे शरीर के तनाव की प्रतिक्रिया में अपनी भूमिका पेश करता है। इसे "स्ट्रेस हार्मोन" भी कहा जाता है। कोर्टिसोल एक स्टेरॉयड हार्मोन है, जो हार्मोन एड्रिनल ग्लैंड्स द्वारा शरीर के अंदर उत्पन्न होता है और शरीर के कई कार्यों को करने में मदद करता है, जैसे कि बॉडी में शुगर लेवल को बैलेंस करना, मेटाबॉलिज्म को हेल्दी रखना और सूजन कम करना। यदि कोर्टिसोल का स्तर लंबे समय तक बढ़ा रहता है, तो यह हमारी शरीर और मेंटल स्टेट पर कई तरीकों से नेगेटिव प्रभाव डाल सकता है।
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कोर्टिसोल बढ़ने से क्या होता है?
कोर्टिसोल के स्तर में बढ़ोतरी होने से मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है, जिससे आपको मूड स्विंग्स, अवसाद और मेंटल स्ट्रेस का सामना करना पड़ सकता है। कोर्टिसोल लेवल बढ़ने से हार्ट अटैक आने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन के लिए कोर्टिसोल हार्मोन जिम्मेदार हो सकता है।
कोर्टिसोल लेवल बढ़ने के शुरुआती संकेत
1. कोर्टिसोल का स्तर बढ़ने से मांसपेशियों में कमजोरी और थकान हो सकती है। इस कारण आपको अक्सर हर दिन शरीर में कोई नया दर्द महसूस हो सकता है, जैसे सिर में, पेट में या फिर बॉडी के किसी और हिस्से में।
2.इस हार्मोन के बढ़ने से नींद पर असर पड़ सकता है, जिससे रात के समय नींद नहीं आती है। कई बार यह हार्मोन सुबह के समय इतना हाई हो जाता है कि जगना भी मुश्किल हो जाता है।
3. कोर्टिसोल लेवल इंक्रीज होने से आपको शरीर में अत्यधिक अकड़न महसूस हो सकती है। अगर आप अपनी बॉडी को पूरा रेस्ट दे रहे हैं, तो भी आलस्य आना इस हार्मोन के बढ़ने का संकेत है। माइग्रेन के मरीजों को कोर्टिसोल लेवल बढ़ने से पेन की समस्या ज्यादा हो सकती है।
4. अगर आप हमेशा चिड़चिड़े रहते हैं, तो भी यह संकेत है कि आपके शरीर में इस हार्मोन का बैलेंस बिगड़ रहा है। गुस्सा आना भी इस हार्मोन की गंभीरता का संकेत है।
5. बेली फैट निकलना, कोर्टिसोल हार्मोन के बढ़ने से वजन पेट के नीचले यानी नाभी वाले भाग की तरफ ज्यादा बढ़ता है, जिससे तोंद निकलने या पेट के लटके होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसे हम सामान्य भाषा में बेली फैट भी कहते हैं।
6. कोर्टिसोल लेवल बढ़ने से इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, जिससे आपको जल्दी-जल्दी संक्रमण होता है। इनमें सर्दी-खांसी, जुकाम और बुखार जैसी चीजें शामिल हैं।
7. जिनके शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर ज्यादा बढ़ा रहता है, उन लोगों को हमेशा मीठा खाने की क्रेविंग्स होती रहती है। खासतौर पर चॉकलेट खाना इन्हें ज्यादा पसंद होता है।
कोर्टिसोल लेवल बढ़ने के कारण
- हमेशा तनाव में रहना।
- ज्यादा प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन करना।
- रोजाना असमय सोना या कम सोना।
- अस्थमा, डायबिटीज या थायराइड के मरीजों में भी कोर्टिसोल का स्तर बढ़ सकता है।
- अल्कोहल का ज्यादा सेवन भी इस हार्मोन के बढ़ने के पीछे कारण है।
कोर्टिसोल लेवल को मैनेज करने के उपाय
- योग करें।
- संतुलित आहार का सेवन बढ़ाएं।
- रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद लें।
- डीप ब्रीदिंग व्यायाम भी फायदेमंग होगा।
- अच्छे और खुश रहने वाले लोगों के संपर्क में रहें, ताकि तनाव कम कर सकें।
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