HMPV Symptoms: 23 साल पुराने इस वायरस के 7 शुरुआती संकेत, शुरुआती उपचार क्या?
HMPV Symptoms: कोरोना के बाद अब एक और चीनी वायरस का दुनिया पर खतरा मंडरा रहा है। भारत में भी इसके मामलों की लगातार पुष्टि हो रही है। देश में अबतक इसके 6 मामले पाए गए हैं, जिनमें कल कर्नाटक में 2 बच्चियां, अहमदाबाद में 1 बच्चा, पश्चिम बंगाल में 1 बच्चा और तमिलनाडु का 1 बच्चा वायरस से इन्फेक्टेड पाया गया है। इसका सबसे पहला मामला सुबह कर्नाटक से सामने आया था, जहां 8 महीने की बच्ची और 3 महीने की बच्ची को ब्रोन्कोन्यूमोनिया की बीमारी थी, दोनों एक निजी अस्पताल में भर्ती थीं। 3 जनवरी को जांच के बाद पता चला कि वे HMPV वायरस से संक्रमित हैं। हालांकी, स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी अब इस पर अपनी गाइडलाइंस जारी कर दी है। आइए जानते हैं वायरस पर जेपी नड्डा की लोगों को सलाह और इसके संकेत समेत शुरुआती उपचार।
क्या बोले स्वास्थ्य मंत्री?
हेल्थ मिनिस्टर जेपी नड्डा ने कल देशवासियों को वायरस को लेकर अपनी सलाह देते हुए बताया कि यह कोई नया वायरस नहीं है। साल 2001 में इसकी पहचान हुई थी, जिसके बाद यह दुनिया में फैला था। यह वायरस सांस लेने से और हवा के माध्यम से फैलता है और हर एज ग्रुप के लोगों को प्रभावित कर सकता है। WHO भी इस वायरस पर नजर बनाए हुए है और जल्दी रिपोर्ट भी शेयर करेंगे।
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क्या है HMPV?
इसे मानव मेटान्यूमोवायरस यानी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस भी कहते हैं। क्लीवेलैंड क्लीनिक की रिपोर्ट की मानें, तो यह आम सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं को पैदा करने वाला फ्लू है, जो एक रेस्पिरेट्री इन्फेक्शन है। इससे निमोनिया और अस्थमा भी होता है। यह वायरस सर्दियों में अधिक सक्रिय हो जाता है। यह वायरस रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस (RSV) वाले समूह का ही एक हिस्सा है। यह वायरस 5 साल से कम आयु के बच्चों पर ज्यादा अटैक करता है। वहीं, उनमें यह लक्षण दोबारा भी दिखाई दे सकते हैं।
कैसे फैलता है?
यह सांसों के माध्यम से फैलता है। अगर कोई भी इस वायरस से संक्रमित है, तो उसके संपर्क में आने से भी यह इन्फेक्शन आपको हो सकता है। दूषित जगहों को छूने से भी यह फैलता है। जैसे कि खांसते या छींकते समय किसी और में वायरस की बूंदें जाना, हाथ मिलाने या गले मिलने से। फोन, दरवाजे और अन्य सतहों के छूने से वायरस फैलता है।
इसके शुरुआती संकेत
खांसी
बुखार
बहती या भरी हुई नाक
गला खराब होना
घरघराहट
सांस लेने में तकलीफ होना
खरोंच पड़ना
शुरुआती उपचार क्या है?
अगर किसी मरीज को, जो अधिकांश बच्चे होते हैं, उनमें सांस संबंधी समस्याएं होती हैं। यदि किसी को निमोनिया हो रहा है, तो वह खास ख्याल रखें। दूसरी सलाह यह है कि लोग बिना डॉक्टरी उपचार के कोई भी एंटीवायरल दवा का सेवन न करें। अगर किसी को वायरस की पुष्टि हुई है, तो वह बाकी लोगों से दूरी बनाए। साफ-सफाई का ध्यान रखें। हल्के मामले 1 सप्ताह के अंदर खत्म हो जाते हैं। अगर ज्यादा बीमार हैं, तो अस्पताल में भी रह सकते हैं। 103 डिग्री से अधिक बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें। नींद, खान-पान और इम्यूनिटी का ध्यान रखें।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।