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महिलाओं में ये 6 बीमारी होने का ज्यादा खतरा, एक तो ले सकती है जान!

Women Health Problems: महिलाओं की सेहत से जुड़े मुद्दों पर अक्सर उतना ध्यान नहीं दिया जाता जितना होना चाहिए। मेंटल हेल्थ और शारीरिक परेशानी को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। कई मुद्दों पर खुलकर बात नहीं करते हैं, तो महिलाओं के लिए हर उस मुसीबत से निकलना मुश्किल होता है,जिससे वो जूझ रही होती हैं। आइए ऐसे ही कुछ महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों को बेहतर तरीके से समझें।
10:27 AM Mar 08, 2024 IST | Deepti Sharma
महिलाओं में ये 6 बीमारी होने का ज्यादा खतरा  एक तो ले सकती है जान
महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याएं Image Credit: Freepik

Women Health Problems: महिलाओं की सेहत से जुड़ी बात करें, तो कई बीमारियों का खतरा पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को ज्यादा देखा जाता है। कई ऐसी समस्याएं हैं, जिनका सिर्फ और सिर्फ महिलाओं को ही सामना करना पड़ता है। सबसे बड़ी बात यह है कि महिलाएं अपनी बीमारियों को खुलकर बता नहीं पाती है और परिणाम गंभीर हो जाते हैं।

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ऐसा माना जाता है कि लगभग बहुत सी महिलाएं डॉक्टर के पास जाने से कतराती हैं या अपने से जुड़ी समस्या को छोटा समझ कर अनदेखा कर देते हैं, लेकिन किसी भी समस्या को छिपाकर रखने की बजाय उस पर खुलकर अपने परिवार और डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। आइए कुछ ऐसी ही बीमारियों के बारे में बात करते हैं, जिनके बारे में शायद ही महिलाएं खुलकर बोलती हैं।

ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer)

महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के होने का खतरा रहता है। ऐसे में जरूरी है कि वो अपनी सेहत का खास ख्याल रखें। महिलाओं में पाए जाने वाले सबसे आम कैंसर में से एक ब्रेस्ट कैंसर है। इसलिए सीने में दर्द ने किसी तरह के संकेत महसूस होने पर डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। समय समय पर टेस्ट और जांच भी करवाएं।

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सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer)

सर्वाइकल कैंसर भी महिलाओं में होने वाली बीमारियों में से एक है। ये कैंसर सर्विक्स यानी यूट्रस के निचले हिस्से पर असर करता है। नियमित पैप स्मीयर से असामान्य सेल्स का जल्दी पता लगाया जा सकता है। इस बीमारी का भी इलाज करना आसान है। इस कैंसर से बचाव के लिए जरूरी है कि महिलाएं वैक्सीनेशन जरूर करवाएं।

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मेंस्ट्रुअल हेल्थ (Menstrual Health) 

पीरियड से जुड़े डिसऑर्डर जैसे भारी ब्लीडिंग, अनियमित मासिक धर्म और गंभीर ऐंठन डेली लाइफ को भी प्रभावित कर सकते हैं। पीरियड हाइजीन प्रोडक्ट का ध्यान करना, मासिक धर्म स्वास्थ्य पर शिक्षा और मासिक धर्म से जुड़े मिथ को दूर करना जरूरी है।

ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) 

ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे उनमें फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है। महिलाओं में हार्मोनल चेंज के कारण जोखिम ज्यादा होता है, खासकर मेनोपॉज के दौरान जब एस्ट्रोजन का लेवल कम हो जाता है। भरपूर कैल्शियम का सेवन, विटामिन डी, एक्सरसाइज करें। इसके अलावा धूम्रपान और ज्यादा शराब के सेवन से परहेज करें।

मोटापा (Obesity) 

मोटापा और खान-पान से जुड़े डिसऑर्डर, जैसे एनोरेक्सिया नर्वोसा (डाइट से जुड़ा डिसऑर्डर) और बुलिमिया नर्वोसा (ईटिंग डिसऑर्डर) महिलाओं के लिए स्वास्थ्य खतरा पैदा करते हैं। अनहेल्दी डाइट की आदतों से मोटापा बढ़ता है। वजन संबंधी समस्याओं को रोकने और मैनेज करने के लिए संतुलित पोषण, नियमित फिजिकल एक्टिविटी करना बहुत जरूरी है।

कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ (Cardiovascular Disease) 

दिल की बीमारियों और स्ट्रोक सहित कार्डियोवैस्कुलर डिजीज महिलाओं में मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज और धूम्रपान जैसे फैक्टर दिल से जुड़ी समस्याओं के विकसित होने की संभावना को बढ़ाते हैं। पौष्टिक आहार, नियमित व्यायाम, धूम्रपान न करना और तनाव को मैनेज करना जैसी हेल्दी हार्ट के लिए अच्छी आदतों को अपनाने से दिल की बीमारियों के जोखिम को काफी कम किया जा सकता है।

ये भी पढ़ें- पेट का कैंसर क्या है? इन 4 गंभीर संकेतों को न करें इग्नोर

Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है। 

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