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पेशाब से स्मेल और बदला रंग किडनी की कौन सी बीमारी के लक्षण, कैसे करें बचाव
Urine Changes And Kidney Disease: किडनी की बीमारी के साथ सबसे बड़ी समस्या ये है कि जब तक बीमारी बहुत ज्यादा फैल नहीं जाती है, तब तक लोगों को दर्द या परेशानी महसूस नहीं होती है। हालांकि, बीमारी शुरू होने और बढ़ने के दौरान किडनी उससे पहले कई तरह के संकेत देना शुरू कर देती है, एक तरह से किडनी आपको अलर्ट करती है। किडनी शरीर को ठीक से चलाने के लिए बहुत सारे काम करती हैं, जैसे, खून को साफ करके इससे टॉक्सिन्स को बाहर करना, ब्लड प्रेशर को रेग्युलेट करना, शरीर में रेड ब्लड सेल्स की कमी न हो इसके लिए जरूरी हार्मोन को बनाना और फिल्टर करना आदि और भी कई जरूरी काम किडनी करती हैं, जिनसे शरीर हेल्दी बना रहता है।
किडनी में किसी प्रकार की समस्या होती है, तो किडनी व्यक्ति को इसके बारे में सावधान करने के लिए अलग-अलग संकेत देती है। किडनी की समस्या के लक्षण में से कुछ शामिल हैं - पेशाब में झाग, पेशाब का रंग बदलना, बार-बार पेशाब आना और थकान होना आदि संकेत होते है।
अगर पेशाब से दुर्गंध आ रही है, तो यह भी किडनी की समस्या का संकेत हो सकता है। किडनी की समस्या के दौरान पेशाब का कलर डार्क पीला हो सकता है और रात के समय कई बार पेशाब आना भी एक लक्षण हो सकता है। एक और जरूरी संकेत है स्किन से जुड़ी समस्याएं, जैसे खुजली, रैशेज और दाने आदि हो सकते हैं।
पेशाब में स्मेल और रंग में बदलाव किडनी की कई बीमारियों के लक्षण हो सकते हैं। यह समस्याएं अलग-अलग कारणों से हो सकती हैं, जिनमें संक्रमण, किडनी की पथरी, किडनी फेलियर आदि शामिल हैं।
किडनी की बीमारियां और उनके दिखने वाले लक्षण
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI)
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) यूरिनरी सिस्टम में होने वाला एक संक्रमण है, जो बैक्टीरिया के कारण होता है। यह संक्रमण किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है, जिसमें किडनी, यूरेटर, ब्लैडर और युरेथ्रा शामिल हैं। हालांकि, अधिकांश UTI निचले यूरिनरी ट्रैक्ट (ब्लैडर और युरेथ्रा) पर असर करते हैं।
लक्षण- पेशाब में जलन, बार-बार पेशाब आना, बदबूदार पेशाब, पेशाब में खून।
बचाव- खूब पानी पिएं, सफाई का ध्यान रखें, बाथरूम आने और जाने के बाद साफ रखें।
किडनी स्टोन (Kidney Stone)
किडनी स्टोन, जिसे किडनी की पथरी भी कहा जाता है, कठोर मिनरल और नमक के जमाव होते हैं जो किडनी के अंदर बनते हैं। ये स्टोन यूरिन में पाए जाने वाले अलग-अलग पदार्थों के कण होते हैं, जैसे कैल्शियम, ऑक्सलेट, यूरिक एसिड आदि, जो जमा होकर ठोस रूप धारण कर लेते हैं। किडनी स्टोन छोटे क्रिस्टल से लेकर बड़े कण तक हो सकते हैं और साइज में छोटे-छोटे कणों से लेकर कुछ बड़े तक हो सकते हैं।
लक्षण- पेशाब में खून, पेट और पीठ के निचले हिस्से में तेज दर्द, यूरिन से स्मेल आना।
बचाव- खूब पानी पिएं, ऑक्सलेट और सोडियम वाले फूड्स खाएं।
क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD)
क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) एक ऐसी स्थिति है जिसमें किडनी की कार्यक्षमता धीरे-धीरे कम होती जाती है। यह समस्या महीनों या सालों में विकसित होती है और अगर इसका समय पर उपचार न किया जाए, तो यह किडनी फेलियर का कारण बन सकती है। CKD को पांच चरणों में बांटा जाता है, जिसमें पांचवें चरण में किडनी फेलियर होता है और मरीज को डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है।
लक्षण- पेशाब का रंग गहरा होना, पेशाब से तेज गंध आना, शरीर में सूजन, थकान, भूख कम लगना।
बचाव- बैलेंस डाइट लें, नमक कम खाएं, रेगुलर एक्सरसाइज करें, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को कंट्रोल रखें।
किडनी इंफेक्शन (Kidney Infection)
किडनी इंफेक्शन, जिसे पाइलोनफ्राइटिस (Pyelonephritis) भी कहा जाता है, एक प्रकार का यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) है जो किडनी पर असर करता है। यह संक्रमण तब होता है जब बैक्टीरिया, आमतौर पर यूरिनरी ट्रैक्ट के निचले हिस्से से किडनी में पहुंच जाते हैं। किडनी इंफेक्शन गंभीर हो सकता है और इसे समय पर उपचार की जरूरत होती है।
लक्षण- तेज बुखार, कमर में दर्द, बदबूदार पेशाब, पेशाब में खून, वोमिटिंग।
बचाव- यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन का तुरंत इलाज कराएं, खूब पानी पिएं, इसमें खासतौर पर सफाई का ध्यान रखें।
किडनी की बीमारियों से बचाव कैसे करें
खूब पानी पिएं
आपको भरपूर पानी पीना चाहिए। किडनी को हेल्दी रखने में मदद करता है और वेस्ट चीजों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है।
हेल्दी डाइट लें
फल, सब्जियां, होल ग्रेन, और प्रोटीन रिच फूड्स खाएं। ज्यादा नमक और चीनी खाने से बचें।
ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को कंट्रोल रखें
हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। रेगुलर जांच करते रहें और डॉक्टर की सलाह पर मेडिसिन लें।
रेगुलर एक्सरसाइज करें
एक्सरसाइज से ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर नियंत्रित रहते हैं और इससे किडनी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
स्मोकिंग और शराब से बचें
स्मोकिंग और ज्यादा शराब पीना किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है। इनसे बचना ही बेहतर है।
संक्रमण से बचाव
साफ-सफाई का ध्यान रखें, समय-समय पर हाथ वॉश करें और यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन के लक्षणों को बिल्कुल नजरअंदाज न करें।
अगर आपको पेशाब में स्मेल और रंग में बदलाव के साथ ही अन्य लक्षण भी महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह करें। समय पर इलाज से किडनी की बीमारियों को गंभीर होने से रोका जा सकता है।
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