5 पॉइंट में जानें Covishield वैक्सीन से क्यों जम रहे खून के थक्के?
Reason of Blood Clotting of Covishield : कोरोना से बचने के लिए जिन लोगों ने Covishield वैक्सीन लगवाई है, वे अब चिंता में पड़ गए हैं। दरअसल कुछ लोगों में कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने के बाद खून के थक्के जमने की बात सामने आई है। इस मामले को लेकर कंपनी एस्ट्राजेनेका के खिलाफ ब्रिटेन में केस भी दर्ज हुआ है। यह केस इस वैक्सीन से पीड़ित लोगों या उनके परिवार के सदस्यों ने दर्ज किया है। अगर कोर्ट का फैसला कंपनी के खिलाफ आता है तो कंपनी पर भारी जुर्माना लग सकता है। इन सबके बीच कुछ रिसर्च ने इस बात का पता लगाया है कि आखिर इस वैक्सीन से खून के थक्के क्यों जम जाते हैं।
इसलिए जम रहे हैं खून के थक्के
- 1. यह वैक्सीन ऐसे ठंडे वायरस से बनी है जिसे जेनेटिकली मॉडिफाइड किया गया है। इस वायरस में कोरोना के जेनेटिक कोड वाला वायरस मौजूद होता है। यह इसलिए होता है ताकि शरीर को कोरोना वायरस से लड़ने के लिए तैयार किया जा सके।
- 2. इस वैक्सीन को बाजू के मांस में लगाया जाता है न कि नस में। दरअसल, जिस वैक्सीन की दवाई का असर जल्दी करना होता है, उसे नसों में लगाया जाता है ताकि यह खून में मिलकर असर जल्दी कर सके। बाजू में लगने के बाद भी कोविशील्ड की दवाई कई बार खून में मिक्स हो जाती है।
- 3. खून में मिलने के बाद यह खून में मौजूद प्रोटीन (Platelet Factor 4) को अपनी ओर खींच लेती है।
- 4. कुछ मामलों में शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से इस प्रोटीन को वायरस समझ कर इस पर हमला कर देता है। ठीक उसी प्रकार से जैसे शरीर में बुखार आदि होने पर होता है।
- 5. इस दौरान शरीर में मौजूद एंटीबॉडीज एक्टिव होती हैं ताकि शरीर में घुसे उस वायरस को खत्म किया जा सके। ऐसे में ये एंडीबॉडीज भी उस प्लेटलेट को वायरस समझकर उसके चारों ओर चिपक जाते हैं। इसका नतीजा होता है कि वहां खून के थक्के जम जाते हैं।
ब्रेन डैमेज के भी मामले
इस वैक्सीन को लगाने के बाद शरीर के किसी भी हिस्से में खून का थक्का जमा सकता है। यह दिमाग में भी जम सकता है जिससे ब्रेन डैमेज भी हो सकता है। यही नहीं, इससे हार्ट अटैक भी हो सकता है। यह भी खून के थक्के से संबंधित है।
कंपनी ने किया स्वीकार
इस वैक्सीन को बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन के हाई कोर्ट को सौंपे डॉक्यूमेंट में स्वीकार किया है कि वैक्सीन लेने के बाद थ्रोम्बोसिस थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (Thrombosis Thrombocytopenia Syndrome यानी TTS) का खतरा रहता है। इससे थक्का जमने पर प्लेटलेट्स काउंट कम हो जाता है। हालांकि कंपनी ने कहा है कि ऐसा बहुत कम मामलों में होता है।
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