Maida VS White Rice: फायदेमंद समझकर रोज खा रहे हैं सफेद चावल, जरा जान लीजिए इसकी सच्चाई
Maida VS White Rice: मैदा और चावल, दोनों ही ऐसे फूड आइटम्स हैं, जिन्हें हमारी सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद नहीं माना जाता है। डायबिटीज, मोटापा या फिर कोलेस्ट्रॉल जैसी लाइफस्टाइल डिजीज होने के पीछे दोनों ही जिम्मेदार होते हैं। हालांकि, दोनों ही कार्बोहाइड्रेट्स से भरपूर होते हैं, लेकिन उनके प्रभावों में कुछ महत्वपूर्ण अंतर भी होते हैं। आइए जानते हैं कि चावल और मैदा के सेवन से शरीर पर क्या असर पड़ता है और दोनों में से कौन सा ज्यादा हानिकारक हो सकता है।
1. मैदा और चावल में क्या अंतर है?
मैदा
मैदा, गेहूं के दाने से बने आटे का और भी ज्यादा प्रोसेस किया हुआ एक स्वरूप होता है। प्रोसेसिंग के समय उस आटे में से ज्यादातर पोषक तत्व निकल जाते हैं, जिससे यह हेल्दी नहीं रह जाता है। इसके बाद मैदा केवल स्टार्च और हाई कैलोरी फूड रह जाता है। इसमें विटामिन, मिनरल्स और फाइबर की कमी भी हो जाती है। मैदे से बनी चीजों को ज्यादा खाने से ब्लड शुगर लेवल स्पाइक हो सकता है, जिससे इंसुलिन रेजिस्टेंस, वेट गेन और टाइप-2 डायबिटीज का रिस्क बढ़ता है।
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चावल
चावल भी कार्बोहाइड्रेट्स का सोर्स होता है, लेकिन इसके अन्य प्रकार सेहत के लिए लाभदायक होते हैं। बात करें, सफेद चावलों की तो इनमें से भी ज्यादातर फाइबर और पोषक तत्व हटा दिए जाते हैं। हालांकि, ब्राउन राइस चावलों की ऐसी किस्म है जिसमें फाइबर और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स मौजूद होते हैं। व्हाइट राइस का अधिक सेवन भी शरीर में ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा सकता है।
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क्या चावल ज्यादा हानिकारक हो सकते हैं?
हालांकि, मैदे को सफेद चावल से ज्यादा हानिकारक माना जाता है, खासकर जब इसे अधिक मात्रा में खाया जाता है। लेकिन सफेद चावल और मैदा, दोनों में ही बोरिक एसिड पाया जाता है, जिस वजह से ये दोनों चीजें एक समान नुकसानदायक हो सकती है। इन दोनों में ही कैलोरी की मात्रा एक समान होती है, जिससे वेट गेन में दोनों ही मदद करते हैं। वहीं, चावल में भी प्रोटीन की मात्रा मैदे जितनी हो सकती है।
क्या खाना सही है?
इनटेक के मामले में बताए, तो दोनों चीजों का सेवन कम से कम ही किया जाना चाहिए। मैदे से बनी अधिकांश चीजें ऑयल, खमीर और सोडा जैसी चीजों के साथ बनती है, जिससे ये ज्यादा हानिकारक हो जाती हैं। वहीं, इंडियन हाउसहोल्ड में चावल को उबालकर या सब्जियों के साथ मिलाकर फ्राई करके अलग-अलग व्यंजन बनाकर खाया जाता है, इसलिए मैदे की तुलना में कम नुकसानदायक होता है।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।