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इलाज कराने के बाद भी हो सकता है Cancer, रिसर्च में चौंकाने वाले खुलासे

Medical Research Revealed Cancer Causes: इलाज कराने के बाद भी कैंसर पनप सकता है। शरीर के किसी भी हिस्से में ट्यूमर बन सकता है। यह खुलासा एक रिसर्च में हुआ है, जो 10 साल चली और नतीजे जानने के लिए चूहों पर प्रयोग किया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि सर्जरी-कीमोथेरेपी कराने के बाद भी कोशिकाएं कैंसर से ग्रस्त हुईं।
08:26 AM Feb 27, 2024 IST | Khushbu Goyal
इलाज कराने के बाद भी हो सकता है cancer  रिसर्च में चौंकाने वाले खुलासे
कैंसर सेल्स पर एक रिसर्च हुई है, जिसके नतीजे चौंकाने वाले हैं।

Dying Cancer Cells May Damage Healthy Cells: चाहे अमेरिका जाकर इलाज करा लो, सर्जरी-कीमोथेरेपी करा लो, ठीक होने के बाद भी कैंसर हो सकता है। एक जगह से ट्यूमर निकल जाएगा, लेकिन कैंसर शरीर के किसी दूसरे हिस्से में भी हो सकता है। जी हां, एक रिसर्च में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि कीमोथेरेपी कराने के बाद जो कोशिकाएं मर जाती हैं, वे स्वस्थ कोशिकाओं को प्रभावित कर सकती हैं। उन्हें कैंसरग्रस्त कर सकती हैं। ऐसे में इलाज कराने के बाद भी शरीर के अन्य अंगों में कैंसर फैल सकता है। एक न्यूट्रास्युटिकल कंपनी के साथ मिलकर टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल (TMH) कें कैंसर सेंटर ने यह रिसर्च की और करीब 10 साल के शोध के बाद यह नतीजे सामने आए हैं।

10 साल चली रिसर्च में सामने आए नतीजे

रिसर्च में खुलासा हुआ है कि कीमोथेरेपी से मर चुकी कैंसर कोशिकाएं क्रोमोसोम के टुकड़े रिलीज करती हैं, जो स्वस्थ कोशिकाओं के साथ मिक्स होकर नया ट्यूमर बनाती हैं। यह ट्यूमर शरीर के किसी भी हिस्से में बन सकता है। इसलिए कैंसर का ट्रीटमेंट में ऐसी दवाइयां शामिल करनी होंगी, जो मृत कैंसर कोशिकाओं द्वारा रिलीज किए जाने वाले क्रोमोसोम के टुकड़ों को निष्क्रिय कर दें।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के एडवांस्ड सेंटर में ट्रांसलेशनल रिसर्च लेबोरेटरी के प्रोफेसर इंद्रनील मित्रा के नेतृत्व में प्रोफेसर एमेरिटस डॉ. RA बडवे और अन्य वरिष्ठ शोधकर्ताओं के सहयोग से 10 साल तक कैंसर पर रिसर्च की गई। रिसर्च के तहत टेस्टिंग की गई कि कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी या सर्जरी कराने के बाद भी कैंसर कैसे हो जाता है?

नतीजे देखने के लिए चूहों पर किया प्रयोग

प्रोफेसर इंद्रनील मित्रा और उनकी टीम ने रिसर्च के लिए चूहों को चुना। उन्होंने कैंसर का ट्यूमर बनाने के लिए चूहों में कैंसर कोशिकाओं को ग्राफ्ट किया। कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और सर्जरी, तीनों अलग-अलग तरीकों से चूहों का इलाज किया। कुछ चूहों को वह दवाई दी गई, जो मृत कोशिकाओं द्वारा पैदा किए जाने वाले क्रोमोसोम के टुकड़ों को निष्क्रिय कर देती हैं।

बाकी चूहों की जांच की गई तो उनमें क्रोमोसोम के टुकड़ों को बनने और उनसे स्वस्थ कोशिकाओं को कैंसर होने की पुष्टि हुई। जिन चूहों को क्रोमोसोम के टुकड़ों को निष्क्रिय करने की दवाई दी गई थी, उनकी स्वस्थ कोशिकाएं ठीक थीं। इस आधार पर निष्कर्ष निकाला गया कि इलाज कराने के बाद भी कैंसर होने का कारण यही क्रोमोसोम के टुकड़े हैं, जो कैंसर का प्रसार करते हैं।

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