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Microplastic in Salt and Sugar: चीनी-नमक में माइक्रोप्लास्टिक! क्या सेहत को होगा नुकसान, कैसे बचें इससे

Microplastic in Salt and Sugar: नमक और चीनी दो ऐसी चीजें हैं, जिसके बिना हमारा खानपान अधूरा होता है। सामान्यत, लगभग हर घर नमकीन और मीठे व्यंजन पकाए जाते हैं, जिनका स्वाद इनसे ही आता है। एक नई रिसर्च में नमक और चीनी में माइक्रोप्लास्टिक मौजूद होने का खुलासा किया है जिससे सुन हर कोई अब इनके सेवन से डर रहा है।
03:09 PM Aug 20, 2024 IST | News24 हिंदी
Microplastics in sugar and salt
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Microplastic in Salt and Sugar: नमक और चीनी के बिना किसी भी खाने का स्वाद बेकार लगता है। यह दोनों सामग्री हमारे खानपान में अहम हिस्सा रखती है। हालांकि, अब इन दोनों चीजों को लेकर एक हैरान करने वाली स्टडी सामने आई है, जिसमें पता चला कि लगभग सभी भारतीय नमक और चीनी ब्रांड फिर चाहे वह पैक्ड हों या खुला हो, इनमें माइक्रोप्लास्टिक्स होते हैं। "Microplastics in Salt and Sugar" नाम की इस स्टडी में ऐसे 10 तरह के नमक और 5 तरह की चीनी की जांच हुई है। इस चौंकाने वाले खुलासे के बाद से लोगों में इसके सेवन को लेकर नई समस्या सामने आ गई है, ऐसे में हम आपको बताएंगे कि कैसे इनके सेवन से बचा जा सकता और स्वाद भी बरकरार रहें।

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सेहत को कैसे होगा नुकसान?

इस स्टडी में सबसे ज्यादा घातक नमक को माना गया है, नमक के 10 ब्रांड माइक्रोप्लास्टिक मामले में शामिल हैं। नमक में प्लास्टिक के छोटे कण  प्लास्टिक की चीजें, कपड़े और कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स से पहुंच सकते हैं। नमक के कारखानों में भी प्लास्टिक के इस्तेमाल से ऐसा हो सकता है। वहीं, चीनी को लेकर कोई खासा रिसर्च नहीं हुई है मगर इसमें प्लास्टिक पहुंचने को लेकर कहा जा रहा है कि गन्ने के जरिए चीनी में प्लास्टिक जा सकता है। गन्नों की खेती के समय सिंचाई के लिए प्लास्टिक के पाइप का इस्तेमाल होता है।

कैसे बचें इससे?

रिसर्च में पाया गया कि प्लास्टिक के ये छोटे-छोटे कण शरीर में जाकर गई गंभीर समस्याएं पैदा कर सकते हैं। इससे फेफड़ों का कैंसर, हार्ट अटैक, सूजन, इंफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है। ऐसे में खुद को सुरक्षित रखने के लिए हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसी चीजों के बारे में जो चीनी और नमक को रिप्लेस कर सकते हैं और सेहत के लिए भी फायदेमंद साबित होंगे।

side effects of salt

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नमक को करें रिप्लेस

नमक की जगह आप ऐसे फ्लेवरफुल हर्ब्स ले सकते हैं जो सेहतमंद तथा प्लास्टिक से फ्री होते हैं। जैसे बेसिल, थाइम और रोजमेरी। इंडियन मसालों में जीरा, पेपरिका और हल्दी यूज कर सकते हैं। आप अपनी डिशेज में ऑनियन यानी ड्राई प्याज का पाउडर डाल सकते हैं। नींबू का रस भी खाने का स्वाद बढ़ाते है। आप इन सभी चीजों को बहुत कम मात्रा में नमक के साथ मिलाकर ले सकते हैं, इससे सेहत को कम नुकसान होगा। ग्रेवी डिशेज में प्याज-लहसुन का ज्यादा इस्तेमाल करें। हो सके, तो नमक को कम से कम खाएं अगर खाना चाहते है तो ऐसे ऑर्गेनिक तथा प्रमाणित ब्रांड का नमक का सेवन करें।

side effects of sugar

चीनी की बजाय खाएं ये चीजें

हालांकि, चीनी के कई अल्टरनेटिव्स मौजूद हैं, मगर चीनी का काम चीनी ही कर पाती है। सफेद रिफाइंड चीनी वैसे भी हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक थी। माइक्रोप्लास्टिक की खोज के बाद से इसका खतरा और बढ़ गया है। चीनी की जगह स्टीविया, शहद, मेपल सिरप, कोकोनट यानी नारियल के बुरादे वाली चीनी का इस्तेमाल कर सकते हैं। मीठे फल भी नेचुरल स्वीटनर का काम करते हैं। खजूर मिठास के लिए सबसे बेस्ट रिप्लेसमेंट है।

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