बच्चों को प्ले स्कूल भेजने वाले हो जाएं सावधान! 3 में से हर 1 बच्चे की आंख हो रही कमजोर
One in three children short-sighted study suggests: तीन में से हर एक बच्चे की आंख कमजोर हो रही है। 2050 तक 50 फीसदी बच्चों की पास या दूर की नजर कमजोर हो चुकी होगी। सबसे ज्यादा एशिया के देशों में 85% बच्चों की आंखें कमजोर हैं। इसके बाद जापान में 73%, साउथ कोरिया, चीन और रूस में 40-40% बच्चे दूर या पास की नजर कमजोर होने की समस्या से जूझ रहे हैं। ये सभी बच्चे 10 साल या उससे कम उम्र के हैं।
सबसे कम पराग्वे और युगांडा में बच्चों की आंखें कमजोर
हाल ही में हुई एक ग्लोबल स्टडी में यह बातें पता चली हैं। British Journal of Ophthalmology में पब्लिश इस स्टडी के अनुसार साल 1990 के मुकाबले 2023 में बच्चों की आंखें कमजोर होने के मामलों में करीब 36% का इजाफा हुआ है। रिपोर्ट में साफ बताया गया है कि यूके, आयरलैंड और अमेरिका में करीब 15% बच्चों की आंख कमजोर है, वहीं, सबसे कम पराग्वे और युगांडा में केवल 1% बच्चों की आंखें कमजोर हैं।
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It's estimated that by 2050 more than half of us will be short-sighted. Spending time outdoors - aim for 2hrs or more a day - has been shown to reduce the risk of myopia (short-sightedness) in children. #NationalEyeHealthWeek #EyeWeek pic.twitter.com/gJ0xl8q0r0
— Julian Davies Opticians (@JulianDaviesOpt) September 25, 2024
2 साल या इससे कम में स्कूल जाने वाले बच्चों की आंखें कमजोर
जानकारी के अनुसार 50 देशों के 50 लाख से अधिक बच्चों पर ये स्टडी की गई है। जिसमें बताया गया कि कोविड 19 के बाद बच्चों में कम उम्र में आंखें कमजोर होने की समस्या ज्यादा देखने को मिली है। इसके अलावा डॉक्टरों के अनुसार यह आनुवंशिक समस्या है, कई बार माता-पिता की आंखें कमजोर होने पर बच्चे में भी ये समस्या देखने में आती है। वहीं, बड़ी संख्या में ऐसे बच्चों की आंखों जल्दी खराब हो रही हैं जो कम उम्र यानी 2 साल तक स्कूल जाने लगते हैं। बता दें इंडिया में 2.5 का बच्चा प्ले स्कूल जाता है। जबकि सिंगापुर और हांगकांग में 2 साल तक बच्चे प्री-स्कूल जाने लगते हैं।
बच्चों की आंखों की मांसपेशियां पर बुरा प्रभाव पड़ता है
स्टडी के अनुसार कम उम्र में ज्यादा किताबें पढ़ना, मोबाइल, टीवी स्क्रीन आदि से छोटे बच्चों की आंखों की मांसपेशियां पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यही वजह है कि बच्चों की आंखें कमजोर हो रही है। स्टडी में सामने आया कि चूंकि अफ्रीका में स्कूल जाने की उम्र 6 से 8 साल है तो ऐसे में यहां अन्य देशों के मुकाबले बच्चों को आंख संबंधी परेशानियां कम हैं। इसके अलावा लड़कों के मुकाबले ऐसे लड़कियों जो घर में ज्यादा समय बीताती हैं कि को आंख संबंधी समस्या ज्यादा हैं।
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