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मसूड़ों की समस्या से Diabetes और Heart Attack का खतरा? कैसे रखें दांतों का ख्याल
Oral Hygiene Linked To Diabetes And Heart Attack: आप यह पढ़कर चौंक जाएंगे कि आपके मुंह की सेहत आपके पूरे शरीर की सेहत से जुड़ी हुई है। दांतों में दर्द या मसूड़ों से खून आना ही सिर्फ मुंह की परेशानी नहीं है, बल्कि ये डायबिटीज (Diabetes) और दिल की बीमारी (Heart disease) का जोखिम भी बढ़ाती हैं। आइए जानें कैसे?
खराब डेंटल हाइजीन को अलग-अलग बीमारियों से जोड़ा गया है। ज्यादातर लोगों को सांसों से स्मेल आना भी महसूस होती है, जिसे हेलिटोसिस कहा जाता है, यह काफी सामान्य है और इस पर जल्द ही ध्यान दिया जाना चाहिए। रिसर्च डायबिटीज और पेरियोडोंटल (मसूड़ों) रोग के बीच एक बाई डायरेक्शन संबंध का सुझाव देता है । डायबिटीज वाले लोगों में मसूड़ों की बीमारी होने का खतरा ज्यादा होता है और इसके विपरीत, मसूड़ों की बीमारी ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करना कठिन बना सकती है।
पेरियोडोंटल रोग सूजन का कारण बनता है, जिससे इंसुलिन रेजिस्टेंस खराब हो सकता है और डायबिटीज के रोगियों में ग्लाइसेमिक के कंट्रोल को खराब कर सकता है। इंसुलिन रेजिस्टेंस एक ऐसी स्थिति है जब आपकी मांसपेशियों, फैट और लिवर की सेल्स इंसुलिन (हार्मोन) के प्रति अच्छी तरह से प्रतिक्रिया नहीं करती हैं और आपके खून से ग्लूकोज को आसानी से नहीं ले पाती हैं।
इसका परिणाम, आपका पेनक्रियाज ग्लूकोज को आपकी सेल्स में प्रवेश करने में मदद करने के लिए ज्यादा इंसुलिन बनाता है। यह शरीर में इंसुलिन के लेवल में असंतुलन पैदा कर सकता है, जिससे डायबिटीज हो सकता है।
क्या कहती है स्टडी
जर्नल ऑफ पीरियडोनटोलॉजी में प्रकाशित एक स्टडी में पाया गया कि डायबिटीज वाले लोग नॉन डायबिटिक लोगों की तुलना में गंभीर मसूड़ों की बीमारी के प्रति ज्यादा सेंसिटिव होते हैं।
खराब ओरल हेल्थ, खासकर मसूड़ों की बीमारी, पुरानी सूजन का कारण बन सकती है, जो दिल की बीमारी के विकास से जुड़ी है। मसूड़ों की बीमारी से ओरल बैक्टीरिया ब्लड फ्लो में प्रवेश कर सकते हैं और आर्टिरियल प्लेग का निर्माण कर सकती है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
एक सिस्टमैटिक रिव्यू में पाया गया कि पेरियोडोंटल रोग जोखिम फैक्टर से दिल की बीमारी के बढ़ते जोखिम से जुड़ा है। डायबिटीज शरीर की इम्यूनिटी को कमजोर कर देता है, जिससे व्यक्ति मसूड़ों की बीमारी के प्रति सेंसिटिव हो जाता है। मसूड़ों की बीमारी से सूजन, बैक्टीरिया और इन्फ्लेमेशन सूजन से प्रीडायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकती है। मसूड़ों की बीमारी निरंतर सूजन का कारण बन सकती है, जो ब्लड फ्लो के माध्यम से फैलती है, जिससे ब्लड वेसल्स को नुकसान होता है। इससे दिल से जुड़ी समस्याओं की संभावना बढ़ जाती है।
ओरल हाइजीन कैसे बनाएं रखें
ब्रश करना और फ्लॉसिंग करना
फ्लोराइड टूथपेस्ट से दिन में दो बार ब्रश करना और रोजाना फ्लॉसिंग करना प्लाक को कम करता है और बैक्टीरिया के प्रसार को रोकता है, जिससे मसूड़ों का स्वास्थ्य सुरक्षित रहता है।
नियमित डेंटल चेकअप
ओरल समस्याओं का जल्दी पता लगाने समय-समय पर डेंटल चेकअप कराना चाहिए।
बैलेंस डाइट
मीठे और एसिडिक फूड्स को कम करें और फलों, सब्जियों और साबुत अनाज से भरपूर डाइट को अपनाने से ओरल हेल्थ को बढ़ावा मिलता है।
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