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Ovarian Cancer के 2 शुरुआती संकेत, इग्नोर किए तो मौत निश्चित

Ovarian Cancer Research: महिलाओं का एक प्रकार का कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है, जिसके शुरुआती 2 संकेत पता न लगें तो यह इलाज कराने के बावजूद जानलेवा साबित होगा। ब्रिटेन में हुई एक रिसर्च में इस कैंसर को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
01:00 PM Aug 14, 2024 IST | Khushbu Goyal
ovarian cancer के 2 शुरुआती संकेत  इग्नोर किए तो मौत निश्चित
ओवेरियन कैंसर का इलाज संभव, फिर भी जानलेवा है। Image Credit: Freepik

Ovarian Cancer Two Major Warning Signs: दुनिया के सबसे बड़े देशों में से एक ब्रिटेन में हर साल 7500 महिलाएं अंडाशय के कैंसर (Ovarian Cancer) से ग्रस्त होती हैं, जिनमें से केवल एक तिहाई के जीवित रह पाती हैं। हालांकि इस कैंसर का इलाज उपलब्ध है, लेकिन इलाज कराने में देर होने और समय रहते इसके लक्षण पता नहीं लगने से एक तिहाई महिलाएं जान गंवा देती हैं। वहीं हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अंडाशय के कैंसर से पीड़ित महिलाओं का जल्दी इलाज किया जा सकता है, अगर वे 2 शुरुआती संकेतों को गंभीरता से लें।

विशेषज्ञों का कहना है कि यदि भोजन करते समय जल्दी पेट भर जाए या भोजन करते समय पेट भरा हुआ महसूस हो और खाना खाने के बाद पेट फूल जाए तो इन लक्षणों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। यह लक्षण बीमारी का पता लगने से 3 साल पहले दिखते हैं। संभावित लक्षणों वाले लोगों का ब्लड टेस्ट और अल्ट्रासाउंड कराकर बीमारी को तेजी से और समय रहते पकड़ा जा सकता है।

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1741 महिलाओं पर रिसर्च, 119 को हुआ कैंसर

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चैरिटी कैंसर रिसर्च यूके के आंकड़ों के अनुसार, अंडाशय के कैंसर से ब्रिटेन में हर दिन औसतन 11 महिलाओं की मौत होती है। एक साल में यह आंकड़ा 4000 के करीब है। आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में हर साल इस प्रकार के कैंसर से 3 गुना ज्यादा लोग मरते हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर एक्सीलेंस (NICE) की सलाह है कि अगर आपको हर महीने 12 या उससे ज़्यादा बार यह लक्षण दिखाई दें तो अपने डॉक्टर से जांच करवाएं।

हालांकि विशेषज्ञों के सामने अभी तक इस तरह शुरुआती लक्षण बताने वाले मरीज नहीं आए हैं, लेकिन 1741 महिलाओं पर की गई स्टडी में उपरोक्त दोनों लक्षणों की जांच करने पर 119 महिलाओं कोअंडाशय का कैंसर होने की पुष्टि हुई है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ गाइनोकोलॉजिकल कैंसर में प्रकाशित स्टडी के अनुसार, 1741 मरीजों में से 119 मरीजों को अंडाशय का कैंसर हुआ। इनमें से 25.2 प्रतिशत लोगों को कैंसर होने का पता पहले या दूसरे चरण में ही चल गया था।

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5 महिलाओं को सर्जरी करानी ही नहीं पड़ी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्टेज एक या 2 में कैंसर होने का पता चलने पर 93 प्रतिशत महिलाएं 5 साल से अधिक समय तक जीवित रहीं। जिन महिलाओं को अंडाशय का कैंसर होने का पता तब चलता है, जब उनकी बीमारी गंभीर होती है, तब उनमें जीवित रहने की दर 13 प्रतिशत तक गिर जाती है। लगभग दो-तिहाई महिलाएं यानि 119 में से 78 महिलाएं कैंसर की सर्जरी करवाने में सफल रहीं। 36 महिलाओं को सर्जरी से पहले कीमोथेरेपी दी जा चुकी है।

119 महिलाओं में से केवल 5 को सर्जरी नहीं करानी पड़ी। पैन बर्मिंघम गायनोकोलॉजिकल कैंसर सेंटर की प्रोफेसर सुधा सुंदर कहती हैं कि उपरोक्त दोनों लक्षण वाली महिलाओं को शीघ्रता से जांच के लिए भेजना लाभदायक रहा है। स्टडी से पता चला है कि यह कैंसर पेट में फैलता है। ऐसे में जिन महिलाओं में यह लक्षण हों और उनके बारे में उन्हें पता चल जाए तो वे अपने चिकित्सक से बात करें। ऐसा करके कैंसर के 10 मामलों में से एक को रोका जा सकता है।

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अंडाशय का कैंसर होने का बड़ा कारण मोटापा

अंडाशय के कैंसर के अन्य कारणों की बात करें तो मोटापा इसका सबसे जोखिम खतरनाक कारण हैं। इसके लक्षणों में पेट फूलना, पेट में दर्द, भूख न लगना या जल्दी पेट भर जाने की भावना, बार-बार पेशाब करने की इच्छा या महीने में लगभग 12 या उससे अधिक बार पेशाब करने की आवश्यकता जैसी समस्याएं शामिल हैं। अन्य संभावित लक्षणों में अपच, कब्ज या दस्त, पीठ दर्द, थकान, बिना प्रयास के वजन कम होना और रजोनिवृत्ति के बाद योनि से रक्तस्राव शामिल हैं।

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