बन गई 'All in One' वैक्सीन, सभी तरह के कोरोना पर करेगी काम!
All in One Vaccine Will Killed Every Type Of Corona Virus : हाल ही में कोरोना के नए वेरिएंट FLiRT को लेकर दुनियाभर में एक बार फिर से हलचल मच गई है। वहीं दूसरी ओर एक अच्छी खबर यह है कि वैज्ञानिकों ने एक ऐसी वैक्सीन बनाई है जो कोरोना के हर वेरिएंट पर काम कर सकती है। वैज्ञानिकों का दावा है कि यह ऐसे वेरिएंट पर भी असरदार है जो अभी तक सामने भी नहीं आए हैं। इसे All in Vaccine कहा जा रहा है।
सिर्फ वैक्सीन से ही बचाव संभव
कोरोना के सामने आने के बाद अभी तक इसके कई वेरिएंट सामने आ चुके हैं। इनमें Alpha, Beta, Delta और Omicron प्रमुख हैं। हाल ही में FLiRT नाम से नया वेरिएंट सामने आया है। इसे लेकर दुनियाभर में फिर से इसे लेकर लोगों की टेंशन बढ़ गई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना के वेरिएंट से बचने के लिए सिर्फ वैक्सीन ही असरदार है। कोरोना की नई All in Vaccine के बारे में स्टडी नेचर नैनोटेक्नोलॉजी जरनल में प्रकाशित की गई है। यह स्टडी यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज आदि की तरफ से संयुक्त रूप से की गई है।
ओमिक्रॉन पर कम हो रही थी इम्यूनिटी
यह रिसर्च ऐसे समय सामने आई है जब करीब दो महीने पहले JAMA नेटवर्क स्टडी में पाया गया था कि फाइजर और बायोएनटेक की दूसरी और तीसरी डोज के बाद भी Omicron वेरिएंट पर इम्यूनिटी धीरे-धीरे कम हो रही है। स्टडी में यह बात भी सामने आई थी कि इस पर बूस्टर डोज भी बहुत ज्यादा कारगर नहीं रही।
चूहों पर सफल रहा प्रयोग
वैज्ञानिकों को नई वैक्सीन का चूहों पर काफी अच्छा असर दिखाई दिया है। रिसर्च के मुताबिक यह वैक्सीन प्रोएक्टिव वैक्सीनोलॉजी टेक्नोलॉजी पर आधारित है। यह रिसर्च कोरोना के आठ अलग-अलग वेरिएंट पर की गई। इसमें SARS-CoV-2 भी शामिल है। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह वैक्सीन कोरोना के अलग-अलग वेरिएंट से बचाने में मदद करेगी। इसे जल्दी ही तैयार कर लिया जाएगा।
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क्या है नई वैक्सीन में?
नई वैक्सीन नैनोपार्टिकल नामक संरचना पर आधारित है। यह वैक्सीन इंसानों में भी ऐसी इम्यूनिटी बढ़ाती है जो कोरोना के सभी प्रकार के वेरिएंट से मुकाबला कर सके। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह वैक्सीन वायरस के निश्वित स्थान को टारगेट करती है और कोरोना वायरस से लड़ती है। जब इसका ट्रायल चूहों पर किया गया तो उनकी इम्यूनिटी भी काफी हद तक बढ़ गई। हालांकि अभी इसका क्लीनिक ट्रायल नहीं किया गया है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इसका क्लीनिक ट्रायल तेजी से आगे बढ़ेगा।