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अगले 25 साल में 4 करोड़ लोगों की जान ले सकता है ये Silent Killer! क्या है ये, कैसे बचें? जानिए सब कुछ

Global Health Challenge : एक समय में पूरी दुनिया के लिए संकट बन गए कोरोना वायरस का कहर अब तो काफी कम हो गया है। लेकिन, स्वास्थ्य से जुड़ी एक चुनौती ऐसी है जिसे लेकर वैज्ञानिक बेहद चिंतित हैं।
05:04 PM Sep 26, 2024 IST | Gaurav Pandey
अगले 25 साल में 4 करोड़ लोगों की जान ले सकता है ये silent killer  क्या है ये  कैसे बचें  जानिए सब कुछ
Representative Image (Pixabay)

Health Research News: कोरोना वायरस वैश्विक महामारी का कहर हम सबने देखा था। इस बीमारी ने पूरी दुनिया की रफ्तार रोक दी थी। इसकी चपेट में आने से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई थी। कई लोगों मानते हैं कि मौत का ऐसा खेल दोबारा होना बहुत मुश्किल है। लेकिन, असलियत यह है कि दुनिया अभी भी एक ऐसे साइलेंट किलर का सामना कर रही है जो साल 2050 तक लगभग 4 करोड़ लोगों की जान ले सकता है। इस रिपोर्ट में जानिए यह साइलेंट किलर क्या है और कैसे इससे बचा जा सकता है।

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हम बात कर रहे हैं एंटीबायोटिक रेजिस्टेंट इंफेक्शंस की। इसका मतलब ऐसे संक्रमणों से है जो दवाओं को असर नहीं करने देते। 'द लैंसेट' जर्नल में पब्लिश हुई एक रिसर्च में बताया गया है कि साल 1900 से साल 2021 के बीच ड्रग रेजिस्टेंट संक्रमण की वजह से 10 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। रिसर्च में कहा गया है कि साल 2025 तक यानी अगले करीब 25 साल में इसकी वजह से करीब 4 करोड़ लोगों की जान जा सकती है। इस रिसर्च ने वैज्ञानिकों और हेल्थ एक्सपर्ट्स के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं।

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क्यों होता है ऐसा, कितना गंभीर खतरा?

ऐसा तब होता है जब बैक्टीरिया इस तरह से इवॉल्व हो जाता है कि वह दवा के असर को सह सकता है। इसका मतलब है कि निमोनिया और डायरिया जैसी आम मानी जाने वाली बीमारियां भी जानलेवा हो सकती हैं। यानी अभी आसानी से ठीक होने वाली बीमारियां भी आने वाले समय में जान के लिए खतरा बन सकती हैं। रिसर्चर्स के अनुसार ऐसा होने का एक बड़ा कारण एंटीबायोटिक दवाओं का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करना है। अगर आप भी जरा सी दिक्कत होने पर तुरंत दवाई खा लेते हैं तो यह आदत बदल लेनी चाहिए।

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बचने के लिए उठाने होंगे ऐसे बड़े कदम

रिसर्च को लीड करने वाले डॉ. मोहसिन नघावी के अनुसार यह ड्रग रेजिस्टेंस की यह समस्या कई दशकों से बनी हुई है और आने वाले समय में यह खतरा और गंभीर होने वाला है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर सबसे ज्यादा समस्या पैदा करने वाले बैक्टीरिया के लिए नई और ज्यादा असरदार एंटीबायोटिक्स डेवलप कर ली जाएं तो करीब 1.1 करोड़ लोगों को बचाया जा सकता है। ऐसे में हमें वैक्सीनेशन, नई दवाओं, बेहतर हेल्थकेयर के जरिए गंभीर इंफेक्शंस के खतरे को कम करने के लिए नई रणनीति बनाने की जरूरत है।

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