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स्किन काली होने लगे तो रूटीन से हटा दें ये 2 चीजें, रिसर्च में सामने आया ये कारण

Dark Skin Causes: अगर स्किन का कलर का काला पड़ रहा है तो इसके कारण अलग हो सकते हैं। हाल ही में हुई रिसर्च ने इसके बारे में एक स्टडी बताई है। कुछ हेयर प्रोडक्ट की वजह से काला रंग होने का बताया गया है।
04:22 PM Jul 16, 2024 IST | Deepti Sharma
स्किन काली होने लगे तो रूटीन से हटा दें ये 2 चीजें  रिसर्च में सामने आया ये कारण
काली त्वचा का कारण Image Credit: Freepik

Dark Skin Causes: बाल रंगने के लिए हेयर डाई व चेहरे की खूबसूरती के लिए क्रीम के ज्यादा इस्तेमाल से चेहरे की रंगत खराब भी पड़ सकती है। इसलिए चेहरे, माधे व गर्दन की स्किन काली पड़ने लगे तो जरा सावधान हो जाएं। यह त्वचा पर होने वाली झाइयां नहीं बल्कि हेयर डाई व क्रीम के इस्तेमाल के कारण हुई त्वचा की लाइलाज बीमारी पिगमेंटेड कटिक्ट डरमेटाइटिस (Pigmented Contact Dermatitis) हो सकती है। इसलिए इसे अनदेखा न करें। हाल ही में आरएमएल व लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज में हुई एक स्टडी में यह बात सामने आई है।

क्या कहती है स्टडी

स्टडी ऑथर लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज की सहायक प्रोफेसर डा. सुरभि सिन्हा ने बताया कि पीसीडी स्किन की ऐसी बीमारी है जिसके इलाज में दवा पूरी तरह लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज असर नहीं करती है। इस कारण से यह बीमारी ठीक नहीं होती है। अक्सर लोग इसे झाइयां समझते हैं, लेकिन यह किसी चीज की एलर्जी के कारण ही होता है। एलर्जी के कारणों का पता लगाने के लिए यह स्टडी शुरू की गई।

इस दौरान पीसीडी के लक्षण से मिलते जुलते 104 मरीजों की पैच जांच की गई, जिसमें से 28 मरीजों की रिपोर्ट पाजिटिव पाई गई। इसमें से 12 मरीजों को हेयर डाई की एलर्जी और 8 मरीजों को पैराफेनिलनेडियमिन (PPD) की एलर्जी के कारण त्वचा काली पड़ गई थी।

उन्होंने कहा कि इस बीमारी से पीड़ित ज्यादातर मरीज हर्बल हिना इस्तेमाल करने की बात बताते हैं। इसके अलावा मरीज 8 से 10 सालों से हेयर डाई व क्रीम का इस्तेमाल करने की बात बताते हैं, लेकिन वे यह नहीं समझते हैं कि हेयर डाई व क्रीम की एल त्वचा धीरे-धीरे काली पड़नी शुरू होती है। उन प्रोडक्ट्स में मर्करी, Thiomersal, पीपीडी सहित कई ऐसे केमिकल मिले होते हैं, जो त्वचा के लिए नुकसानदायक होते हैं।

स्टडी में शामिल मरीजों को 3 सेक्शन में बांट कर 6 महीने तक अलग-अलग तीन दवाएं भी दी गई। उन्हें छह माह तक फालोअप किया गया। इस दौरान अजैथियोप्रिन दवा का इस्तेमाल करने वाले मरीजों की बीमारी में 55 % सुधार पाया गया। अन्य दो दवाओं से करीब 30 % सुधार देखा गया।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।  

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