Disclaimer: उपरोक्त जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।
खतरनाक है मुंह ढक कर सोना! कहीं दिल के मरीज न बन जाएं, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
Sleeping with Covered Face Disadvantage: आजकल ज्यादातर लोग अनहेल्दी लाइफस्टाइल जी रहे हैं। लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे रहना, न के बराबर फिजिकल एक्टिविटी करना और ज्यादा से ज्यादा जंक फूड खाना ये सभी चीजें सेहत को बुरी तरह से प्रभावित कर रही हैं। ऐसे में एक भी गलत आदत आपके लिए जानलेवा हो सकती है।
कुछ लोगों को आदत होती हैं कि वो सोते समय अपने मुंह को ढक लेते हैं। हालांकि ऐसा करना उनके लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। दरअसल रजाई, कंबल या फिर चादर से मुंह ढककर सोने से दम घुटता है, जिससे शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन प्रभावित होता है। इससे सोते-सोते दम भी घुट सकता है। इसके अलावा इससे मेटाबॉलिज्म भी खराब होता है। एबीवीआईएमएस और डॉ. आरएमएल अस्पताल के प्रोफेसर डॉ. तरुण कुमार के मुताबिक, मुंह ढक कर नहीं सोना चाहिए। खासतौर पर स्लीप ऐप्निया के पेशेंट को कभी भी मुंह ढककर सोना नहीं चाहिए। अब जानते हैं मुंह ढककर सोने से होने वाले नुकसानों के बारे में।
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घुटन
अगर आप भी मुंह ढक कर सोते हैं तो ऐसे में आपको घुटन हो सकती है। मुंह ढक कर सोने से फेफड़ों तक ऑक्सीजन कम पहुंचती है।
स्किन एलर्जी
हर मौसम में त्वचा की देखभाल करना बहुत जरूरी होता है। खासतौर पर बदलते मौसम में, नहीं तो त्वचा बेजान व रूखी होने लगती है। इसके अलावा अगर स्किन का ख्याल न रखा जाए तो वह काली भी पड़ने लगती है। वहीं जो लोग मुंह ढककर सोते हैं, उन्हें स्किन से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं। दरअसल मुंह ढक कर सोने से रातभर शरीर और स्किन को शुद्ध हवा नहीं मिलती है, जिससे स्किन एलर्जी होने का खतरा बना रहता है। इसके अलावा स्किन काली और रूखी होने लगती है।
बढ़ता है मोटापा
जो लोग मुंह ढककर सोते हैं उनका वजन भी तेजी से बढ़ता है। दरअसल मुंह ढक कर सोने से शरीर जल्दी गर्म होता है, जिससे नींद ज्यादा आती है। ऐसे में वजन बढ़ने लगता है।
मेंटल हेल्थ होती है प्रभावित
अगर आप भी मुंह ढककर सोते हैं, तो इससे आपकी मेंटल हेल्थ पर भी असर पड़ सकता है। जब ब्लड तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंचता है, तो इससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है। इसका सीधा असर व्यक्ति के दिमाग पर पड़ता है। उसकी सोचने-समझने की शक्ति कम होने लगती है।
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