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Snoring Effects: खर्राटे लेने वालों को 3 गंभीर बीमारियों का खतरा, क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

Snoring Effects: खर्राटे आना एक बेहद ही सामान्य सी समस्या है। लेकिन रोज और हर किसी को खर्राटे आना गंभीर बीमारी का संकेत होता है। हालांकि ऐसा होना, आमतौर पर स्लीप एप्नीया नामक बीमारी का लक्षण होता है लेकिन देश के जाने-माने कार्डियो एक्सपर्ट खर्राटे से और भी कई गंभीर बीमारियों का संबंध बताते हैं।
11:56 AM Jan 02, 2025 IST | Namrata Mohanty
snoring effects  खर्राटे लेने वालों को 3 गंभीर बीमारियों का खतरा  क्या कहते हैं एक्सपर्ट
Snoring Side Effects

Snoring Effects: खर्राटे लेना एक कॉमन प्रॉब्लम है। हर घर में अमूमन एक ऐसा व्यक्ति जरूर होता है, जो खर्राटे लेता है। कई लोगों को तो खर्राटे इतने ज्यादा तेज आते हैं, कि उनके आस-पास लोग सोने से भी बचते हैं। पर क्या आप जानते हैं मामूली लगने वाली यह समस्या काफी गंभीर हो सकती है? जी हां, ऐसा है। खर्राटे वैसे तो कभी-कभी भी किसी को आ सकती है लेकिन वह बीमारी नहीं होती है। साथ ही, बूढ़े लोगों को खर्राटे आना भी कॉमन माना जाता है। आइए जानते हैं इस पर एक्सपर्ट की अडवाइस।

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स्नोरिंग यानी खर्राटों के बारे में हमें देश के मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट रमाकांत पांडा बता रहे हैं, उन्होंने एक पॉडकास्ट शो में इस बारे में बताया कि कैसे खर्राटे आना भी गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है।

खर्राटे क्यों आते हैं?

खर्राटे रात को सोते समय गर्दन की मांसपेशियों पर दबाव पड़ने से आते हैं। दरअसल, कुछ लोगों को रात के समय सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है, उन्हें नाक के रास्ते सांस लेते समय रुकावट महसूस होती है, इसलिए खर्राटे आते हैं। कुछ लोगों को रात के समय नाक बंद होने की परेशानी रहती है, उन्हें भी खर्राटे आते हैं। बूढ़े लोगों को ज्यादा खर्राटे आते हैं, क्योंकि इन लोगों की मांसपेशियां ढीली हो जाती हैं और ये लोग फिजिकल थोड़े कम एक्टिव होते हैं।

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किन बीमारियों का रिस्क?

1. हार्ट डिजीज- डॉक्टर रमाकांत बताते हैं कि खर्राटे बैड हेल्थ की ओर इशारा करते हैं, जो लोग कम एक्सरसाइज करते हैं, खराब असंतुलित भोजन खाते हैं या जिनका वेट ज्यादा होता है, उन्हें खर्राटे ज्यादा आते हैं। इन लोगों को, खासतौर पर जो युवा हैं, उन्हें ज्यादा खर्राटे आना हार्ट फेलियर और हार्ट अटैक के रिस्क को बढ़ाता है।

2. डायबिटीज- डॉक्टर बताते हैं कि खर्राटे और स्लीप एप्नीया, जो कि नींद की एक बीमारी है, के कारण शरीर की शारीरिक गतिविधि और इंसुलिन का प्रभाव गलत तरीके से होता है। इससे उन लोगों में डायबिटीज की संभावनाएं बढ़ जाती हैं, क्योंकि शरीर शुगर को सही तरीके से प्रोसेस नहीं कर पाता है।

3. हाई ब्लड प्रेशर- एक्सपर्ट के अनुसार, खर्राटे ज्यादा तेज आने का मतलब ब्लड प्रेशर की बीमारी भी हो सकती है। इन लोगों में हाइपरटेंशन की बीमारियां इसलिए होती हैं, क्योंकि खर्राटे लेने से खून में ऑक्सीजन का स्तर धीमा हो जाता है। कई बार खर्राटे लेने से हार्ट में भी ब्लड सर्कुलेशन स्लो हो जाता है, जिससे भी हार्ट अटैक आ जाता है।

इसके अलावा, ज्यादा खर्राटे लेने से डिप्रेशन, मेमोरी लॉस या सुबह के समय सिर में दर्द की समस्या भी हो सकती हैं।

खर्राटे कम कैसे करें?

  • अपने सोने का पोश्चर बदलें, पीठ के बल कम सोएं।
  • रूम में ह्यूमिडिफायर लगवाएं, इससे हवा में नमी बनी रहती है।
  • अच्छी आदतों का पालन करें जैसे स्मोकिंग और शराब का सेवन कम करें।
  • वेट मैनेजमेंट भी जरूरी है।
  • परेशानी ज्यादा होने पर एक्सपर्ट की सलाह लें।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

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