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चिंता करना या तनाव में रहना 'जानलेवा'! नई रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

Mental Health: स्ट्रेस की समस्या आम हो गई है। छोटी उम्र के बच्चे भी इससे ग्रस्त हैं। हालांकि स्वस्थ रहने के लिए हेल्दी बॉडी और हेल्दी ब्रेन दोनों की जरूरत होती है। यह दोनों एक-दूसरे के पूरक माने जाते हैं। इनमें से किसी एक में भी समस्या आएगी तो सेहत के लिए हानिकारक है।
02:44 PM Sep 06, 2024 IST | Namrata
stress disorder
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Mental Health Latest Research: मानसिक तनाव की समस्या से हर कोई जूझ रहा है। चाहे जिंदगी में कितना भी सुख आ जाए, इंसान को कोई न कोई दुख, तनाव और चिंता लगी रहती है। एक हेल्दी लाइफ के लिए इंसान का स्वस्थ रहना जरूरी है। इसके लिए मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों का सही रहना जरूरी होता है। यह दोनों ही एक दूसरे के पूरक होते हैं। एक भी खराब हुआ तो आपकी सेहत बिगड़ सकती है। इस पर एक ताजा रिसर्च में एक्सपर्ट्स ने कुछ खुलासे किए हैं, जो चौंकाने वाले हैं। चलिए जानते हैं इससे होने वाले नुकसान और बचाव के तरीके।

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ज्यादा स्ट्रेस लेने से होते हैं ये नुकसान

नींद की समस्या

जो लोग ज्यादा स्ट्रेस या तनाव में रहते हैं, उन्हें अधिकतर नींद से जुड़ी समस्याएं होती रहती हैं। इन लोगों को या तो नींद आएगी नहीं या फिर इतनी नींद आएगी कि जगना इनके लिए मुश्किल हो जाता है। ऐसे लोग अपनी नींद पर नियंत्रण नहीं रख पाते। एक्सपर्ट्स के अनुसार, कई बार इन लोगों के लिए किसी समस्या से बाहर निकलने का सबसे आसान रास्ता नींद ही होता है।

हार्ट हेल्थ

अगर आप हमेशा तनावग्रस्त रहेंगे तो खुद ही सेहत पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएंगे। इन लोगों को न तो समय पर नींद आती है, न ही इनका लाइफस्टाइल अच्छा होता है। यह लोग इतने चिड़चिड़े होते हैं कि छोटी-छोटी बातों पर भी गुस्सा करते हैं, जिससे इनका ब्लड प्रेशर लेवल हाई होता है। ऐसे मामलों में हार्ट स्ट्रोक, हार्ट अटैक आने की भी संभावना रहती है।

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डाइजेशन प्रॉब्लम्स

स्ट्रेस से न सिर्फ मेंटल हेल्थ, बल्कि पेट से जुड़ी समस्याएं भी होती रहती हैं। यह लोग अक्सर खाना न पचने, गैस, एसिडिटी या कब्ज की दिक्कतों से गुजरते हैं। इसका कारण पेट की आंतों में इंफेक्शन या सूजन हो सकता है, जो ज्यादा स्ट्रेस से होती है। आंतों की सूजन की समस्याएं कई बार इतनी गंभीर हो जाती हैं कि गैस्ट्राइटिस की भी समस्या हो सकती है।

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महिलाओं में हार्मोनल इंबैलेंस

तनाव में रहने से महिलाओं को सबसे ज्यादा हार्मोनल इंबैलेंस की समस्या आ सकती है। शरीर में हार्मोन्स के उतार-चढ़ाव उन्हें पीसीओडी और पीसीओएस का शिकार बना सकते हैं। हार्मोनल इंबैलेंस के चलते महिलाओं को बाल झड़ने, स्किन डैमेज, दुखी रहने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

इसके अलावा शोधकर्ताओं ने माना है कि ज्यादा स्ट्रेस लेने से इंसान दिमागी रूप से कमजोर हो सकता है। कुछ लोगों में इससे प्रजनन शक्ति कम हो सकती है। खासतौर पर मर्दों के साथ ऐसा ज्यादा होता है।

कैसे पाएं राहत?

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Health News In HindiHeart healthmental healthMental Health and Disorder
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