एक्सरसाइज से पहले स्ट्रेचिंग को लेकर फिटनेस एक्सपर्ट ने कह दी यह बड़ी बात
Stretching before Exercise : अगर आप एक्सरसाइज करने से पहले स्ट्रेचिंग करते हैं तो हो सकता है कि आप अपना समय खराब कर रहे हों। ऐसा ही कुछ एक फिटनेस एक्सपर्ट ने कहा है। डेलीमेल में छपी एक खबर के मुताबिक आयरलैंड की एक यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर किरेन ओ'सुलिवन बताते हैं कि एक्सरसाइज करने से पहले एक स्ट्रेचिंग की जाए तो इससे एक्सरसाइज का पूरा फायदा नहीं मिलता। सुलिवन प्रोफेसर के साथ फिटनेस एक्सपर्ट भी हैं।
फ्लेक्सिबिलिटी की गारंटी नहीं
ज्यादातर लोगों को लगता है कि स्ट्रेचिंग करने शरीर में ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी आती है। प्रोफेसर सुलिवन के अनुसार ऐसा सही नहीं है। उनका कहना है कि स्ट्रेचिंग करने से आपको रिलैक्स जरूर मिलता है लेकिन इससे शरीर में ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी नहीं आती। वहीं स्ट्रेचिंग करने से शरीर की मांसपेशियां खिंच सकती है।
यह है कारण
स्ट्रेचिंग काम की क्यों नहीं है, इसका कारण भी प्रो. सुलिवन ने बताया है। उनके मुताबिक रिसर्च में ये बातें सामने आई हैं कि स्ट्रेचिंग से मसल्स पर उतना असर नहीं पड़ता जितना अकेले एक्सरसाइज से होता है। हालांकि एक्सरसाइज से पहले थोड़ी देर घूम लिया जाए तो यह स्ट्रेचिंग से काफी हद तक बेहतर है। इससे मांसपेशियों में खिंचाव आने या किसी दूसरी चोट की आशंका नहीं रहती।
फायदे भी हैं इसके
अमेरिका के कॉलेज ऑफ मेडिसिन (फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी) की प्रोफेसर जूडी डेल्प स्ट्रेचिंग के कुछ फायदे भी बताती हैं। प्रोफेसर डेल्प के मुताबिक स्ट्रेचिंग करने से शरीर में ब्लड और ऑक्सीजन का फ्लो रुक जाता है। यह इसलिए होता है क्योंकि स्ट्रेचिंग में कई बार शरीर को किसी एक अवस्था में कुछ देर तक रोकना पड़ता है। जब शरीर रिलेक्स वाली स्थिति में आता है तो ब्लड और ऑक्सीजन का फ्लो तेज हो जाता है और ये तेजी से जरूरी न्यूट्रिएंट्स शरीर के जरूरी हिस्से में पहुंचाते हैं। वहीं कुछ एक्सपर्ट इसे गलत भी बता रहे हैं।
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स्टेटिक स्ट्रेचिंग ज्यादा खतरनाक
फिटनेस एक्सपर्ट के मुताबिक स्टेटिक स्ट्रेचिंग ज्यादा खतरनाक है। दरअसल, इस स्ट्रेचिंग में शरीर को कुछ देर तक एक ही अवस्था में रोकना होता है। इससे नसों में खिंचाव या मोच आने का डर रहता है। हालांकि कुछ लोग सही भी बताते हैं कि ऐसा करने से शरीर को आराम मिलता है। वहीं दूसरी ओर डायनेमिक स्ट्रेचिंग होती है। इसमें स्ट्रेचिंग के दौरान शरीर को किसी खास अवस्था में ज्यादा देर नहीं रोकना पड़ता। शरीर गति करता रहता है। इसमें साइड शफल, बैकपेडल जोग, स्क्वैट्स, वॉकिंग लंजेस, लेग स्विंग आदि शामिल हैं।