होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

Thyroid के प्रकारों में से एक है हाइपोथायरायडिज्म, महिलाओं को करता है प्रभावित

Hypothyroidism Symptoms In Females: थायरॉइड से जुड़ी परेशानी पुरुष, महिला, बच्चे, बड़े-बुजुर्ग ही क्यों न हो, किसी को भी हो सकती है। कुछ मामलों में ये कंडीशन ज्यादातर महिलाओं को ज्यादा परेशान करती है।
03:23 PM Apr 01, 2024 IST | Deepti Sharma
Image Credit: Freepik
Advertisement

Hypothyroidism Symptoms In Females: पिछले कुछ सालों में थायरॉइड के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं। थायरॉइड दो टाइप के होते हैं, एक है हाइपोथायरोडिज्म (Hypothyroidism) और दूसरा हाइपरथायरोडिज्म (hyperthyroidism)। दोनों ही कंडीशन में अलग-अलग तरीकों से सेहत को नुकसान करते हैं। हाइपोथायरोडिज्म से ज्यादातर महिलाएं पीड़ित रहती हैं।

Advertisement

हाइपोथॉयराडिज्म होने वाली बीमारी की वह स्टेज है, जो थायरायड ग्लैंड से थायरायड हॉर्मोन के अधूरे प्रोडक्शन की वजह से होता है। यह आयोडीन की कमी से या डिलीवरी के बाद थॉयराडिज्म भी हो सकता है। यह ऐसी कंडीशन है जो लगभग महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करती है। कभी-कभी यह जेनेटिक भी होता है।

अगर आपको थायराइड ग्रंथि में गड़बड़ी महसूस होती है, तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें, क्योंकि ये आगे चलकर कई दूसरी तरह की परेशानियों की वजह बन सकता है।

क्या है हाइपोथायरायडिज्म?

अंडरएक्टिव थायरॉयड या हाइपोथायरायडिज्म तब होता है जब थायरॉयड ग्रंथि थायरॉयड हार्मोन की सामान्य मात्रा से कम मात्रा का निर्माण करती है। इसका परिणाम कई फिजिकल फंक्शन का धीमा होना है। हाइपोथायरायडिज्म आमतौर पर वह स्थिति है जिसका इलाज किया जा सकता है।

Advertisement

हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण

  • थकान और असंतुलित महसूस करना
  • भारीपन या वजन का बढ़ना
  • हाथ और पैर का ठंडा रहना
  • चिपचिपी त्वचा, रूखे बाल और टूटे नाखून
  • पाचन से जुड़ी समस्या की कब्ज और गैस
  • पीरियड प्रॉब्लम
  • दिमाग तेजी में कमी, भूलने की समस्या और ध्यान लगाने में परेशानी
  • गले में सूजन, गले में दर्द और खराश
  • मूड में बदलाव, डिप्रेशन और उदासी
  • सांसों से जुड़ी समस्याएं

हाइपोथायरायडिज्म से कैसे करें बचाव

नियमित चेकअप

थायराइड की स्थिति का नियमित जांच कराना बहुत जरूरी होता है।

हेल्दी डाइट

हेल्दी और बैलेंस डाइट लेना बहुत महत्वपूर्ण है। अपनी डाइट में अंडे, सब्जियां, फल, दालें, अखरोट और दूध प्रोडक्ट में आयोडीन, सेलेनियम, जिंक, विटामिन D और बी12 की मात्रा अच्छी होनी चाहिए।

नियमित व्यायाम

नियमित व्यायाम करना थायराइड के लिए लाभकारी हो सकता है।

मेडिसिन का सही समय पर सेवन

अगर डॉक्टर द्वारा किसी दवा की सलाह दी गई है, तो उसे सही समय पर लें।

स्ट्रेस को कम करें

स्ट्रेस को कम करने के लिए ध्यान, योग और आराम की जरूरत होती है।

समय पर उपचार

अगर आपको किसी भी तरह के लक्षण महसूस करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह करें।

ये भी पढ़ें- खून में जमी गंदगी को दूर करने में मददगार हैं ये 5 योग और घरेलू नुस्खे

Open in App
Advertisement
Tags :
health newsthyriod
Advertisement
Advertisement