Valley Fever Symptoms: फैली नई बीमारी जिसमें कोरोना जैसे संकेत, बढ़ते जा रहे मरीज

Valley Fever: वैली फिवर एक प्रकार का इंफेक्शन है जो सांस के माध्यम से शरीर में फैलता है। यह कैलिफोर्निया में तेजी से फैल रहा है। इस बीमारी में फेफड़ों और सांस से जुड़ी समस्याएं होती हैं। जानिए, क्या है यह बीमारी।

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Valley Fever: कैलिफोर्निया में इन दिनों एक बीमारी तेजी से फैल रही है। इसका नाम है वैली फिवर। दरअसल, यहां राज्य में एक संगीत कार्यक्रम आयोजित किया गया था जहां 5 लोगों को वैली फिवर होने की पुष्टि की गई थी। इसके बाद पार्टी के होस्ट ने अन्य सभी लोगों को इससे सावधान रहने और खुद की जांच के आदेश दिए थे। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार इस इवेंट में लगभग 20,000 लोगों ने शिरकत की थी। इस घटना के बाद राज्य के हेल्थ डिपार्टमेंट ने भी सभी लोगों को लेकर एक सूचना जारी की है कि बुखार, सांस लेने में दिक्कत जैसी कोई समस्या हो तो सावधानी बरतें, हालांकि, यह बीमारी संक्रामक नहीं है। यह बीमारी एक से दूसरे में नहीं फैलती है।जानिए क्या है यह बीमारी, ऐसे होते हैं लक्षण।

क्या है Valley Fever

यह एक फंगल संक्रमण है जो शरीर में सांस के जरिए अंदर जाता है। इसमें ऐसा होता है कि अगर इंसान संक्रमित धूल-मिट्टी में सांस लेता है तो इसका शिकार हो सकता है। इसके वायरस का नाम कोक्सीडिओडोमाइकोसिस या कोक्सी है। यह फंगस गंदगी में ही पैदा होता है। कैलिफोर्निया में पिछले साल इसके 9,000 मामले थे जबकि इस साल जुलाई तक ही 5,000 मामले सामने आ चुके थे। वैली फिवर कैलिफोर्निया में पतझड़ के मौसम में संक्रमण फैलने के मामले सबसे ज्यादा पाए जाते हैं। इसके अलावा बदलता मौसम भी इसका कारण होता है।

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ऐसे होते हैं इसके लक्षण

  • सिरदर्द
  • बुखार
  • मांसपेशियों में दर्द
  • शरीर पर दागदार दाने
  • सांस लेने में परेशानी होना
  • खांसी
  • थकान

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क्या घातक है यह बीमारी?

हालांकि, इस बीमारी के मामले ज्यादा हैं लेकिन इसे घातक या जानलेवा बीमारी की श्रेणी में नहीं रखा गया है। इसके शुरुआती लक्षण आम फ्लू जैसे होते हैं। यह दुर्लभ है मगर शुरुआती लक्षणों के साथ जानलेवा नहीं है। इसमें खतरे की घंटी तब बजती है जब कोक्सीडिओडोमाइकोसिस वायरस शरीर के अन्य हिस्सों जैसे हार्ट, हड्डियों या त्वचा में फैल जाता है। इससे मौत होने की संभावना को मात्र 1% ही माना गया है।

कैलिफोर्निया हेल्थ डिपार्टमेंट के अनुसार इस बीमारी से कुछ लोग 1 से तीसरे सप्ताह के बीच खुद ही ठीक हो जाते हैं। कुछ मामले जिनमें 60 साल और उससे ज्यादा के लोग शामिल हैं, उन्हें इसके चलते मृत्यु का खतरा रहता है। इसके अलावा जो लोग सांस की किसी बीमारी से जूझ रहे हैं, उन्हें भी सावधान रहना चाहिए।

कैसे इस बीमारी से करें बचाव?

  • ज्यादा गंदगी भरी, धूल वाली जगहों से दूरी बनाएं।
  • एन95 मास्क पहनें (N 95)।
  • धूल मिट्टी को घर में जमा न होने दें। इसके लिए आंधी उड़ते समय घर के खिड़की-दरवाजे बंद रखें।
  • घर में एयर फिल्टर लगा सकते हैं।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें।News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

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