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गिलास से पानी पीते हैं तो हो जाएं सावधान, एक्सपर्ट ने लोटे को बताया सेहत के लिए बेहतर

Why You Should Not Drink Water In Glass : काफी जगह पढ़ा है कि हमें पानी गिलास से नहीं बल्कि लोटे से पीना चाहिए। वहीं, पानी को मटके या सुराही में रखना बेहतर बताते हैं। सोशल मीडिया पर भी ऐसी बातें सर्कुलेट होती रहती हैं। हमने आयुर्वेद एक्सपर्ट्स से जाना कि क्या ये बातें यही हैं? जानें- उन्होंने क्या कहा:
07:23 PM May 11, 2024 IST | Rajesh Bharti
गिलास से पानी पीते हैं तो हो जाएं सावधान  एक्सपर्ट ने लोटे को बताया सेहत के लिए बेहतर
पानी गिलास में पिएं या लोटे में?

Use Lota In Stead Of Glass For Drinking Water : इस बात को लेकर काफी बातें चलती रहती हैं कि पानी किस तरह के बर्तन में रखना चाहिए और पीना चाहिए। इन दिनों ज्यादातर लोग बोतलों में पानी रखते हैं। बोतलों में भी पानी बाल्टी से या RO से लिया जाता है। कुछ लोग वाटर कूलर भी रखते हैं। इसी बीच इस बात को लेकर सवाल खड़ा हो जाता है कि पानी गिलास में पीना बेहतर है या लोटे में?

लोटे को माना गया है बेहतर

आयुर्वेद एक्सपर्ट्स के मुताबिक पानी पीने के लिए गिलास की जगह लोटे को अच्छा माना गया है। वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य आलोक शर्मा बताते हैं कि लोटे में पानी रखने पर इसका सरफेस टेंशन कम हो जाता है, क्योंकि यह गोल होता है। जिस पानी का सरफेस टेंशन कम होता है, उसे शरीर के लिए अच्छा माना जाता है।

Glass or Lota

गिलास की अपेक्षा लोटे में पानी पीना ज्यादा लाभदायक है।

पानी का सरफेस टेंशन से क्या है संबंध?

दरअसल, पानी जब गिलास में होता है तो उसका आकार एक शंकु की तरह हो जाता है। ऐसे में उसका सरफेस टेंशन ज्यादा हो जाता है। आलोक शर्मा के मुताबिक लोटे का आकार नीचे से गोल और ऊपर से छोटा होता है। ऐसे में इसका सरफेस टेंशन कम हो जाता है। इसी प्रकार पानी को घर में लगी मटके या किसी गोल आकार के बर्तन में स्टोर करके रखा जाए जो इससे भी पानी का सरफेस टेंशन कम हो जाता है। कम सरफेस टेंशन वाला पानी सेहत के लिहाज से भी अच्छा होता है।

आंतों को करता है साफ

आलोक शर्मा बताते हैं कि पानी की विशेषता है कि इसे जिस बर्तन में रखा जाता है, वह उसी का गुण ले लेता है। जब पानी लोटे या किसी गोल बर्तन में रखा होता है तो कम सरफेस टेंशन वाला गुण आ जाता है। इस पानी को पीने से आंतों की सफाई अच्छे से हो जाती है। इससे आंतों के काम करने की क्षमता बढ़ जाती है। वहीं लोटे का पानी शरीर में अच्छे से एब्जॉर्ब होता है और यह शरीर की मोटिलिटी बढ़ाता है।

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प्राचीन सभ्यता से जुड़ा है लोटा

कुएं के पानी का सरफेस टेंशन कम होता है। यही कारण है कि पुराने समय में लोग कुएं का पानी पीते थे। वहीं घरों में पानी स्टोर करने के लिए मटका होता था। वहीं काफी लोगों के घरों में धातु का मटका होता था। उसी में पीने का पानी स्टोर किया जाता था।

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