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World Kidney Day 2024: युवाओं में क्यों बढ़ रही हैं किडनी की समस्याएं? कैसे करें देखभाल
World Kidney Day 2024: इन दिनों बड़ी संख्या में लोग किडनी में पथरी की समस्या से जूझ रहे हैं और खासतौर से युवाओं में यह दिक्कत ज्यादा बढ़ रही है। कई बार इसके लक्षण पता नहीं चल पाते हैं और परेशानी ज्यादा बढ़ती है, जो आगे चलकर गंभीर बीमारियों का शिकार बना देती है। युवाओं में किडनी की समस्याएं उनके खाने-पीने के तरीके और जीवनशैली में बदलाव की वजह से हो रहे हैं। ज्यादा तला-भुना, जंक फूड और भरपूर पानी न पीने के कारण ये समस्या होती है।
इसके अलावा डाइट में नमक और तेल का सेवन बढ़ रहा है और आपके बैठने की आदत, तनाव और अल्कोहल या धूम्रपान जैसी बुरी आदतें भी किडनी पर असर करती हैं। इन्हीं आदतों की वजह से युवाओं में किडनी समस्याएं बढ़ रही हैं।
किडनी में पथरी जिसे गुर्दे की पथरी के रूप में भी जाना जाता है। ये मिनरल्स और सॉल्ट का कठोर जमाव है, जो किडनी या यूरिन के रास्ते बनता है। ये पत्थर साइज में अलग-अलग हो सकते हैं, रेत के दाने जितने छोटे से लेकर गोल्फ बॉल जितने बड़े तक भी हो सकते हैं।
हाल के सालों में किडनी की पथरी के मामले बढ़ रहे हैं और इसके ये कुछ कारण बताए गए हैं-
डाइट से जुड़ी आदतें
खराब डाइट जैसे कि ज्यादा मात्रा में सोडियम, चीनी और प्रोसेस्ड फूड का सेवन, किडनी की पथरी के खतरे को बढ़ा सकता है। पालक, नट्स और चॉकलेट जैसे ऑक्सालेट फूड का ज्यादा सेवन भी खतरनाक हो सकता है।
पानी की कमी होना
भरपूर पानी न पीने से भी यूरिन गाढ़ा हो सकता है, जिससे पथरी बनना आसान हो जाता है। पूरे दिन खूब सारा पानी पिएं और इस समस्या को रोकने में मदद मिल सकती है।
मोटापा
मोटापा कैल्शियम और पथरी बनाने में शामिल अन्य पदार्थों के मेटाबॉलिज्म को बदल सकता है। डाइट और व्यायाम से हेल्दी वेट बनाए रखने से इस जोखिम को कम किया जा सकता है।
Pediatric AKI is a global health concern w/an associated mortality risk disproportionately pronounced in resource-limited settings. Read this Original Article on “severe dialysis dependent AKI” in children in South Asia.https://t.co/aMrOEaJ7Kt pic.twitter.com/4aCNOgffVL
— Pediatric Nephrology (@Ped_Neph) March 13, 2024
बदलती जीवन शैली
शारीरिक एक्टिविटी की कमी मोटापे से जुड़ी है और किडनी की पथरी का खतरा पैदा कर सकती है। रोजाना व्यायाम न केवल स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद करता है बल्कि किडनी के ओवर ऑल हेल्थ को भी बढ़ावा देता है।
एनवायरमेंटल फैक्टर
प्रदूषण और पर्यावरण भी किडनी की पथरी के मामलों को बढ़ाता है। कुछ केमिकल और खराब पानी भी प्रभावित कर सकते हैं, जिससे कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पदार्थों का लेवल बढ़ता है, जो पथरी का खतरा बढ़ाते हैं।
आहार पैटर्न में बदलाव
फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड की बढ़ता सेवन भी एक तरह से किडनी से जुड़ा होता है। इन बदलावों में अक्सर अनहेल्दी फैट, सोडियम और शुगर का ज्यादा सेवन शामिल होता है, जो किडनी में पथरी बनने का कारण बन सकता है।
ऑक्सालेट का सेवन बढ़ना
कीटो आहार और कुछ वेज डाइट जैसे हाई ऑक्सालेट पदार्थों की बढ़ती मांग, किडनी की पथरी के मामलों को बढ़ावा देती है।
तनाव
तनाव भी किडनी की समस्या को बढ़ा सकता है, क्योंकि खराब डाइट, डिहाइड्रेशन और अनहेल्दी लाइफस्टाइल की आदतें किडनी की पथरी के खतरे को बढ़ाते हैं। तनाव को मैनेज करने के लिए आप ध्यान और नियमित योग करके इस समस्या को कम कर सकते हैं। इसके अलावा समय-समय पर मेडिकल जांच काफी हद तक किडनी की समस्या को दूर करने में मदद करती हैं।
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