World Liver Day : शराब नहीं पीने वाले भी हो जाएं सावधान, शरीर में 400 तरह के काम करता है लिवर
World Liver Day : 90 के दशक में 'दिल का क्या कसूर' नाम की एक फिल्म आई थी। इसका एक गाना है, 'दिल, नज़र, जिगर क्या है, मैं तो तेरे लिए जान भी दे दूं...।' इसी दौरान अजय देवगन की भी एक फिल्म आई थी जिसका नाम है जिगर। बॉलीवुड में भी जिगर की अहमियत दिल जितनी ही है। और हो भी क्यों न, यह शरीर में 300 से 400 तरह के काम अकेले करता है। उसके बाद भी पूरी जिंदगी जवां रहता है। परेशानी तब आती है जब हम इसका ध्यान रखना बंद कर देते हैं। अगर ध्यान न रखें तो एक समय बाद यह जवाब दे देता है और काम करना बंद कर सकता है।
शरीर को पहुंचाता है जरूरी न्यूट्रिशंस
यह हम जानते हैं कि खाने-पीने की ज्यादातर चीजों में न्यूट्रिशंस होते हैं। इन न्यूट्रिशंस को शरीर के सभी अंगों में पहुंचाने का काम लिवर ही करता है। दरअसल, हम जो भी चीजें खाते हैं वे पेट के जरिए आंतों में पहुंचती हैं। वहां इनका जूस बनता है और यह जूस लिवर में पहुंचता है। इस जूस में जरूरी न्यूट्रियशंस (मिनरल्स, प्रोटीन, फैट, ग्लूकोज, विटामिन्स आदि) होते हैं। लिवर इन न्यूट्रिशंस को शरीर के सभी जरूरी अंगों में पहुंचाने का काम करता है।
ये काम भी हैं लिवर के
- मेटाबॉलिज्म को रेग्युलेट करना।
- शरीर से विषैले पदार्थ निकालना।
- प्रोटीन और कोलेस्ट्रॉल बनाना।
- शराब और दवाओं को पचाना।
- पुराने ब्लड सेल्स को खत्म करना आदि।
पीलिया को बनने से भी रोकता है
लिवर शरीर में पीलिया को भी बनने से रोकता है। दरअसल, जब पुरानी ब्लड सेल्स टूटती हैं तो उनसे बिलीरुबिन नामक एक पदार्थ बनता है जो पीलिया बनाने के लिए जिम्मेदार होता है। लिवर का एक काम बिलीरुबिन को शरीर से बाहर निकालने का भी होता है। अगर लिवर में कुछ परेशानी आ जाए तो शख्स को पीलिया हो जाता है।
शराब नहीं पीते तो भी खराब हो सकता है लिवर
फैटी लिवर के काफी मामले सामने आ रहे हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक फैटी लिवर का सबसे बड़ा कारण गलत खानपान है। साथ ही ऐसी चीजें खाना जिनमें फैट ज्यादा होता है। फैटी लिवर की स्थिति से बचने के लिए जरूरी है कि हम तेल, वसा आदि कम खाएं और हर दिन एक्सरसाइज करें। वहीं वे लोग जो शराब का सेवन करते हैं, उनका लिवर भी कमजोर हो जाता है। जो लोग शराब नहीं पीते या फैटी चीजें नहीं खाते, उनका भी लिवर खराब हो सकता है। यह लिवर पेनकिलर्स या ड्रग्स के सेवन से खराब हो सकता है। पेनकिलर्स, खासतौर से ऐसी दवाई जिसमें पेरासिटामोल साल्ट होता है, उनके लगातार सेवन से भी लिवर खराब हो सकता है क्योंकि कोई भी दवाई खाने पर यह सीधे लिवर में जाती है और लिवर पर असर डालती है। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवाई खुद से खाएं।
डैमेज लिवर भी अपने आप ठीक हो सकता है
अगर किसी शख्स का लिवर 75 फीसदी तक खराब हो जाए तो भी वह 4 से 6 हफ्ते में ही अपने मूल स्वरूप में वापस आ सकता है। इसे रीजेनरेशन पावर भी कहते हैं। इसके लिए जरूरी है कि खानपान सही रखें और डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाइयों का इस्तेमाल करें।
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ऐसे मरीज हर 6 महीने में टेस्ट कराएं
एडवांस इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेस प्रा. लि. (फॉर्टिस हेलथकेयर) में लिवर ट्रांसप्लाट एंड HPB सर्जरी के चेयरमैन और डायरेक्टर डॉ. विवेक विज बताते हैं कि वे लिवर शरीर के जरूरी अंगों में एक है। इसकी सही देखभाल बहुत जरूरी है। समय-समय पर डॉक्टर की सलाह से टेस्ट कराकर लिवर की हेल्थ चेक करते रहें। वे लोग जिन्हें ब्लड प्रेशर, डायबिटिज और मोटापा है, उन्हें हर 6 महीने में लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) और अल्ट्रासाउंड जरूर कराना चाहिए। वहीं वे लोग जो पूरी तरह हेल्दी हैं, उन्हें भी साल में एक बार ये टेस्ट कराने चाहिए। अगर लिवर में कोई परेशानी दिखे तो इसका समय पर इलाज कराएं।