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पीला बुखार क्या है? जानिए इसका कारण, लक्षण और बचाव

Yellow Fever Symptoms, Causes And Prevention: येलो फीवर एक वायरल बीमारी है जो संक्रमित मच्छरों के काटने से होती है। इसका प्रकोप कम इम्यूनिटी के अलावा और भी कई फैक्टर के कारण हो सकता है। आइए जानें इसके लक्षण और इसे रोकने के तरीके..  
09:26 AM May 17, 2024 IST | Deepti Sharma
पीला बुखार के लक्षण Image Credit: Freepik
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Yellow Fever Symptoms, Causes And Prevention: पीला बुखार एक बार फिर से चर्चा में है। तमिलनाडु स्वास्थ्य विभाग ने येलो बुखार का टीका लगाने के लिए राज्य में तीन केंद्र नामित किए हैं। पीला बुखार एक वायरल बीमारी है जो संक्रमित मच्छरों के काटने से होती है। यह ज्यादातर अफ्रीका के ट्रॉपिकल और सबट्रॉपिकल एरिया और अमेरिका के दक्षिणी भागों में पाया जाता है। यह काफी दुर्लभ बीमारी है।

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पीला बुखार क्या है?

येलो फीवर एक गंभीर और खतरनाक बीमारी है। ये एक विशेष तरह के मच्छर के काटने से होता है। वायरस एडीज और हेमा गोगस मच्छर के काटने से ये बुखार होता है। इस बीमारी में 3 प्रकार के फेस होते हैं। सिल्वेटिक (जंगली), मध्यवर्ती (Intermediate) और शहरी। पहला साइकिल तब होता है जब बंदरों या अन्य जानवरों को जंगली मच्छर काट लेते हैं और वायरस को अन्य प्रजातियों और मनुष्यों तक पहुंचते हैं।

दूसरा साइकिल तब होता है जब मच्छर घरों के भीतर या जंगली इलाकों में होते हैं और लोगों और जानवरों को काटते हैं। शहरी चक्र उन क्षेत्रों में होता है जहां जनसंख्या और मच्छर ज्यादा हैं, जिससे प्रकोप तेजी से फैलता है। ये तीन अलग-अलग प्रकार के साइकिल इसे आसानी से फैलने के जोखिम वाले वायरस के रूप में क्लासिफाइड करते हैं।

पीला बुखार होने का कारण

विशिष्ट मच्छर प्रजातियां (Specific Mosquito Species) 

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हर मच्छर के काटने से संक्रमण का खतरा नहीं होता है। एडीज और हेमा गोगस मच्छर प्रजाति है जो पीले वायरस महामारी के हैं। एडीज मच्छर डेंगू, जीका वायरस और चिकनगुनिया है।

जलवायु परिस्थितियां (Climatic Conditions)

ट्रॉपिकल और सबट्रॉपिकल एरिया क्षेत्रों में इन मच्छरों को पैदा करने वाली जलवायु परिस्थितियों के कारण पीले बुखार का सबसे अधिक खतरा होता है। हालांकि, यह अफ्रीका और वेस्ट अमेरिका में सबसे कॉमन है और भारत में फिलहाल इसके काफी कम मामले हैं।

कम इम्यूनिटी (Low Immunity)

कम इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए, पीले वायरस के प्रति सेंसिटिविटी बहुत ज्यादा होती है, क्योंकि संक्रमित काटने से ब्लड फ्लो में हानिकारक केमिकल निकल सकते हैं।

पीला बुखार के लक्षण

इसके लक्षण आम तौर पर एक सप्ताह के भीतर दिखते हैं और हर किसी के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। अगर आपको ऐसे किसी भी तरह के लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

पीला बुखार से बचाव कैसे करें 

Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

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