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शिमला में मस्जिद पर क्यों मचा है बवाल? हिंदू संगठनों का आज प्रदर्शन, जानें पूरा मामला

Hindu Protest Against Sanjauli Mosque: शिमला के संजौली में बुधवार को हिंदू संगठन अवैध मस्जिद निर्माण को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसको लेकर शिमला में धारा 163 लागू कर दी गई है। फिलहाल 5 लोगों के साथ चलने को लेकर भी प्रतिबंध है।  
11:26 AM Sep 11, 2024 IST | Rakesh Choudhary
शिमला में मस्जिद पर क्यों मचा है बवाल  हिंदू संगठनों का आज प्रदर्शन  जानें पूरा मामला
Shimla Masjid Controversy

Shimla Masjid Controversy: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में अवैध मस्जिद का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। संजौली में आज हिंदू संगठन सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं, धारा 163 लागू कर दी गई है। सुबह 7 बजे से लेकर रात 12 बजे तक शिमला में एक साथ गुट में 5 लोग साथ नहीं चल सकेंगे। पुलिस ने रात में फ्लैग मार्च कर शांति बनाए रखने का संदेश दिया है। फिलहाल संजौली में हर जगह पर पुलिस तैनात है। मस्जिद के बाहर भी पहरा कड़ा किया गया है।

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हिंदू संगठनों के प्रदर्शन को लेकर शिमला के डीसी ने कहा कि आम जनजीवन पूरी तरह सामान्य रहेगा। सरकारी और निजी कार्यालय पूरी तरह खुले रहेंगे। आम जनता को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है।

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यह है विवाद

बता दें कि संजौली के पाॅश इलाके में बिना अनुमति और नक्शा पास कराए बिना 5 मंजिला मस्जिद बना दी गई। स्थानीय लोगों ने कहा कि यहां बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज पढ़ने आते हैं। तथा उनके घरों में झांकते हैं। मामले में शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य ने कहा कि नगर निगम आयुक्त कोर्ट में केस चल रहा है। अगर कोर्ट मस्जिद को अवैध बताता है तो नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

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1947 में बनी थी मस्जिद

संजौली में सबसे पहले मस्जिद 1947 में बनी थी। उस समय मस्जिद कच्ची थी। इसके बाद 2010 में नई मस्जिद बनाने का काम शुरू हुआ और 5 मंजिल तक इसका निर्माण किया गया। इस दौरान शिमला नगर निगम ने 35 बार नोटिस जारी किया। मस्जिद के साथ ही अवैध शौचालय भी बनाए गए थे जिन्हें निगम ने जून 2023 में तोड़ दिया था।

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2010 में सामने आया था विवाद

यह मामला पहली बार 2010 में नगर निगम के पास पहुंचा था। यहां अवैध निर्माण के आरोप लगे थे। निगम प्रशासन ने बताया कि पहले एक मंजिल पर मस्जिद थी लेकिन साल 2024 तक यहां 5 मंजिलें बनकर तैयार हो गई। 2010 से ही एमसी आयुक्त कोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई हो रही है। इस दौरान भी अवैध निर्माण चलता रहा। मामले में अब तक 45 बार सुनवाई हो चुकी है।

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