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Himachal Congress यूनिट भंग करने का फैसला क्यों? हाईकमान के इस कदम के क्या मायने?

Himachal Pradesh News: कांग्रेस आलाकमान ने हिमाचल राज्य इकाई को भंग कर दिया। प्रदेश में नए सिरे सभी जिला और ब्लाॅक कमेटी के चुनाव होंगे। प्रदेश में कांग्रेस नेताओं के बीच गुटबाजी अभी भी बड़ी समस्या बनी हुई है।
07:03 AM Nov 07, 2024 IST | Rakesh Choudhary
himachal congress यूनिट भंग करने का फैसला क्यों  हाईकमान के इस कदम के क्या मायने
Why Congress dissolve Himachal unit

Why Congress dissolve Himachal unit: कांग्रेस आलाकमान ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश में पार्टी की पूरी इकाई को भंग कर दिया। आलाकमान के इस फैसले से प्रदेश की राज्य इकाई, सभी जिला कमेटी और ब्लाॅक कमेटी को भंग कर दिया गया है। आलाकमान के इस फैसले को कांग्रेस की आंतरिक गुटबाजी से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर बनी रहेंगी।

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हिमाचल कांग्रेस के एक नेता की मानें तो कांग्रेस आलाकमान ने यह फैसला प्रतिभा सिंह की सिफारिश के बाद ही लिया है। उन्होंने पार्टी के नेतृत्व से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नए सिरे से पुनर्गठन के लिए मौजूदा कमेटी को भंग करने का अनुरोध किया। इसके लिए प्रतिभा सिंह ने 28 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को चिट्ठी लिखी थी।

प्रदेश में गुटबाजी बड़ी समस्या

ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या कांग्रेस में गुटबाजी खत्म होगी? प्रदेश कांग्रेस में कथित तौर पर तीन गुट चर्चा में हैं। पहला प्रतिभा सिंह गुट दूसरा सीएम सुक्खू गुट और तीसरा अग्निहोत्री गुट। तीनों ही गुट के लोग अपने खेमे के नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने में जुटे हैं। ऐसे में अब सवाल यह है कि कांग्रेस में किस गुट का नेता प्रदेश की बागडोर संभालेगा।

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राज्यसभा के बाद लोकसभा में भी मिली हार

बता दें कि बीते लोकसभा चुनाव में राज्य में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद पार्टी सभी 4 सीटें हार गई। मंडी सीट से कांग्रेस ने विक्रमादित्य सिंह को मैदान में उतारा था, लेकिन यहां से बीजेपी उम्मीदवार कंगना रनौत ने जीत दर्ज की। फरवरी में हुए राज्यसभा के उपचुनाव में भी बहुमत होने के बावजूद कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा। प्रदेश की एकमात्र राज्यसभा सीट से कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी को मैदान में उतारा था, लेकिन यहां से बीजेपी के हर्ष महाजन चुनाव जीत गए। इस दौरान कांग्रेस के कुछ विधायकों ने बीजेपी के पक्ष में मतदान किया, जिससे बाजी बीजेपी के हाथ लगी।

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