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10 आतंकी, हाईप्रोफाइल लोकेशन और 4 दिनों की दहशत; 26/11 का वो खौफनाक मंजर, जब दहली मुंबई

26/11 Mumbai Terrorist Attack: 16 साल पहले आज ही के दिन मायानगरी मुंबई आतंकियों की दहशत से दहल उठी थी। 26/11 के आतंकी हमले की कहानी आज भी लोगों की रूह कंपा देती है। आइए जानते हैं मुंबई आतंकी हमले की पूरी कहानी आखिर क्या है?
09:34 AM Nov 26, 2024 IST | Sakshi Pandey
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26/11 Mumbai Terrorist Attack: 26/11...इस तारीख को दो वजहों से याद रखा जाता है। पहला 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान का कुछ हिस्सा लागू किया गया था, जिसकी वजह से इस दिन को संविधान दिवस के नाम से जाना जाता है। दूसरा 26 नवंबर 2008 का वो दिन जब मायानगरी आतंकियों की दहशत में थी। जी हां, मुंबई आतंकी हमले को आज 16 साल पूरे हो चुके हैं। उस दिन को याद करके आज भी कई लोगों की रूह कांप जाती है।

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10 आतंकियों की दहशत

पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तयैबा (LeT) के 10 खूंखार आतंकी समुद्र के रास्ते मुंबई में आए और मायानगरी की हाई प्रोफाइल लोकेशन्स दहशतगर्दों की चपेट में आ गई। इस लिस्ट में मुंबई के ताज होटल से लेकर ओबेरॉय ट्रायडेंट होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनल रेलवे स्टेशन और नरीमन हाउस का नाम शामिल था।

166 लोगों ने गंवाई जान

26 नवंबर 2008 को मुंबई की सुबह काफी डरावनी थी। ताज होटल सुलग रहा था। हर तरफ बम और गोलियों की आवाज गूंज रही थी। यह सिलसिला एक-दो नहीं बल्कि पूरे चार दिन तक चला था। अपनी चकाचौंध और खूबसूरती के लिए मशहूर मुंबई मातम में तब्दील हो चुकी थी। ऑफिशियल आंकड़ों के अनुसार इस आतंकी हमले में 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 लोगों की जान चली गई। वहीं 300 से अधिक लोग घायल हुए थे।

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निशाने पर हाई प्रोफाइल लोकेशन

सुरक्षाबलों समेत खुफिया एजेंसियों ने दिन-रात एक करके आतंकियों की मंशा को विफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मगर आतंकी पूरी तैयारी के साथ मुंबई में घुसे थे। आतंकियों ने कई लोगों को बंधक बना लिया। नरीमन हाउस, यहूदी आउटरीच केंद्र और ताज होटल में हिंसा का सिलसिला कई दिनों तक जारी रहा। 28 नवंबर को नरीमन में हिंसा थमी, तो 29 नवंबर को ताज और ओबेरॉय होटल में सन्नाटा पसर गया। इस हमले में 26 विदेशी नागरिक भी मारे गए थे।

4 साल बाद फांसी पर चढ़ा कसाब

इन 4 दिनों में मुंबई की चकाचौंध मिट्टी में मिल चुकी थी। मायानगरी की सबसे खूबसूरत इमारतों में गिना जाने वाला ताज होटल किसी खंडहर की तरह दिखाई दे रहा था। सुरक्षाबलों ने 10 में से 9 आतंकियों को ढेर कर दिया, वहीं 1 कसाब नामक आतंकी पकड़ा गया था। कसाब ने अदालत में अपना अपराध स्वीकार किया, लेकिन बाद में उसने अपना बयान वापस ले लिया। 2010 में अदालत ने उसे फांसी की सजा सुनाई और 2012 में कसाब को फांसी दे दी गई।

आंतकियों ने कैसे की मुंबई में घुसपैठ?

अब सवाल यह है कि पाकिस्तान से आने वाले 10 आतंकी आखिर भारत में घुसे कैसे? आतंकी न सिर्फ पूरे झुंड के साथ भारत में घुसे बल्कि उन्होंने मुंबई के उस इलाके को अपने कब्जे में ले लिया, जिसे सुरक्षा के लिहाज से बेहद पुख्ता माना जाता था। खबरों की मानें तो आतंकी पाकिस्तान के झंडे वाले मालवाहक जहाज में बैठकर भारतीय सीमा में दाखिल हुए और फिर उन्होंने मछली पकड़ने वाली भारतीय नाव पर कब्जा कर लिया। आतंकियों ने नाव में बैठे लोगों को मौत के घाट उतार दिया। मुंबई के करीब पहुंचने के बाद उन्होंने गेटवे ऑफ इंडिया तक पहुंचने के लिए डिंगियो का इस्तेमाल किया और अलग-अलग ग्रुप में बंट गए। इस तरह आतंकियों ने मुंबई की अलग-अलग जगहों पर हमला बोला और पूरी मायानगरी को हिलाकर रख दिया था।

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