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1 यूजर आईडी, 2 साल और 814 जन्म प्रमाणपत्र; यूपी के हाथरस में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

800 Birth Certificates on Single User ID: यूपी में एक गांव की आईडी से अलग-अलग राज्यों में 814 जन्म प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं। इस खुलासे के बाद से जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है। मामले की जांच CMO को दी गई है।

800 Birth Certificates on Single User ID: उत्तर प्रदेश के एक गांव से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। पिछले 2 साल में एक यूजर आईडी पर 814 जन्म प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं। अलग-अलग राज्यों में जारी इन जन्म प्रमाणपत्रों के खुलासे ने प्रशासन के होश उड़ा दिए हैं। ये मामला यूपी के हाथरस में मौजूद सिचावली सानी गांव का है। गांव की आबादी 1,100 है। मगर पिछले 19 महीनों में गांव की यूजर आईडी का इस्तेमाल करके सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (CRS) से 814 जन्म प्रमाणपत्र बनवाए गए हैं।

कई राज्यों में जारी हुए जन्म प्रमाणपत्र

अधिकारियों के अनुसार ये जन्म प्रमाणपत्र सिर्फ यूपी के निवासियों को नहीं बल्कि अलग-अलग राज्यों में रहने वाले लोगों के नाम पर बने हैं। सिचावली सानी गांव की यूजर आईडी पर यूपी के साथ-साथ झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक के जन्म प्रमाणपत्र भी जारी किए जा चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार 814 जन्म प्रमाणपत्र में से 780 सर्टिफिकेट यूपी, 13 झारखंड, 12 बिहार, 4 मध्य प्रदेश, 4 हरियाणा और 1 कर्नाटक के मिले हैं। जांच शुरू होने के बाद मुमकिन है कि जन्म प्रमाणपत्र की संख्या और बढ़ जाए।

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ग्राम पंचायत अधिकारी ने किया खुलासा

बता दें कि 5 अगस्त को सिचावली सानी गांव के CRS पोर्टल की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत अधिकारी ईश्वर चंद को सौंपी गई थी। ईश्वर चंद ने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी दी कि गांव की आईडी से 814 जन्म प्रमाणपत्र पहले ही जारी किए जा चुके हैं। सभी प्रमाणपत्रों का जन्म स्थान सिचावली सानी गांव को बताया गया है। इस खुलासे के बाद पूरे महकमें में हड़कंप मच गया। जिला मजिस्ट्रेट आशीश कुमार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

CMO को सौंपी गई जांच की जिम्मेदारी

हाथरस के चीफ मेडिकल ऑफिसर (CMO) डॉक्टर मंजीत सिंह को इस जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मंजीत सिंह का कहना है कि वो मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रहे हैं। वो पता लगाने में जुटे हैं कि गांव की आईडी कैसे लीक हुई? ये आईडी सिचावली सानी के पंचायत अधिकारी को दी गई थी। अभी के लिए जांच आईडी लीक पर ही केंद्रित है। ये पता करना बेहद जरूरी है कि किसने आईडी लीक करते हुए इसका गलत इस्तेमाल किया है।

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